बोधघाट परियोजना बस्तर के विकास में मील का पत्थर साबित होगी – कांग्रेस

0

 

रमन सरकार की लापरवाही के कारण 15 सालों से बोधघाट परियोजना लंबित थी

रायपुर/20 मार्च 2023। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि बोधघाट परियोजना बस्तर के विकास के लिये मील का पत्थर साबित होगी। पूर्ववर्ती भाजपा की रमन सरकार ने इस परियोजना के लिये कोई ठोस कार्य योजना नहीं बनाई थी। कांग्रेस की सरकार ने इसके सर्वे के लिये ठोस प्रयास शुरू किया है। बहुप्रतिक्षित बोधघाट परियोजना पिछले चार दशक से राजनीति की भेंट चढ़ते आ रहा है तथा राजनैतिक इच्छाशक्ति के अभाव में परियोजना मूर्तरूप नहीं ले पाई थी। बोधघाट के साथ ही परिकल्पित आंध्र की पोलावरम बांध परियोजना 70 फीसदी से अधिक पूरी हो गयी है जबकि छत्तीसगढ़ की यह परियोजना भाजपा शासन में अपने शुरूआती कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई थी। इस परियोजना के पूरा होने से बस्तर अंचल का सिंचित रकबा 72 फीसदी तक हो जायेगा तथा राज्य के कुल सिंचाई रकबे में भी 4 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो जायेगी।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि राज्य में 264 किमी तक बहने वाली इंद्रवती नदी के पानी का आज छत्तीसगढ़ सिर्फ 11 टीएमसी ही उपयोग कर पाता है लेकिन बोधघाट परियोजना के पूरा होने पर छत्तीसगढ़ इंद्रवती के 300 टीएमसी जल का उपयोग कर पायेगा। राज्य में बहने वाली नदी के जल का भरपूर उपयोग कर राज्य की कृषि को समृद्ध बनाना राज्य का अधिकार है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस साहसिक फैसले के कारण बस्तर में समृद्धि आयेगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। 359 गांव की सिंचाई बढ़ जायेगी। बोधघाट परियोजना के पूर्ण होने पर 300 मेगावाट बिजली उत्पादन होगा 4824 मीट्रिक टन वार्षिक मछली उत्पादन होगा।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जो लोग बोधघाट परियोजना का विरोध कर रहे वे बस्तर और बस्तर के निवासियों का भला नहीं चाहते। जब मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया कि बोधघाट परियोजना के प्रभावित 42 गांव के निवासियों के लिये श्रेष्ठतम पुनर्वास नीति घोषित की जायेगी तब परियोजना शुरू करने की घोषणा के साथ विरोध करने वाले अपनी राजनैतिक जमीन सिंचित करने के लिये बस्तर की 366580 हेक्टेयर से भी अधिक भूमि को असिंचित रखने का षड़यंत्र कर रहे हैं। योजना का विरोध करने वालों से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जब यह साफ कह दिया है कि उनके पास बोधघाट से बेहतर कोई कार्ययोजना है तो उसे लायें तो विरोध करने वालों के पास तथ्य और तर्क हो तो उसे सरकार के समक्ष रखना चाहिये।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed