मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 25 मार्च को मुंगेली जिले के सरगांव में आयोजित ‘भरोसे का सम्मेलन‘ में बेरोजगारी भत्ता योजना के वेबपोर्टल का करेंगे लोकार्पण।
छत्तीसगढ़ सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण 2023 का एप्लीकेशन लॉन्च करेंगे
रायपुर, 25 मार्च 2023/मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 25 मार्च को मुंगेली जिले के सरगांव में आयोजित ‘भरोसे का सम्मेलन‘ में बेरोजगारी भत्ता योजना के वेबपोर्टल का लोकार्पण करेंगे। साथ ही छत्तीसगढ़ सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण 2023 का एप्लीकेशन लॉन्च करेंगे।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री बघेल ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में 1 अप्रैल 2023 से प्रदेश के शिक्षित बेरोजगारों को 2500 रुपए प्रतिमाह की दर से बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा की है। इसके लिए राज्य शासन द्वारा एनआईसी से बेरोजगारी भत्ता वेबपोर्टल तैयार कराया गया है। जिसका लोकार्पण मुख्यमंत्री करेंगे। बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने के लिए आवेदक को निर्धारित मापदण्ड एवं शर्तों के अनुसार इस वेब पोर्टल के माध्यम से केवल ऑन लाईन आवेदन करना होगा, यह पोर्टल 01 अप्रैल 2023 से आम जनता के लिये उपलब्ध रहेगा।
छत्तीसगढ़ सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण 2023 के लिए भी राज्य सरकार द्वारा एप्लीकेशन तैयार कराया गया है। जिसे मुख्यमंत्री लॉन्च करेंगे। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने सर्वेक्षण में आवासहीनों, उज्जवला गैस और शौचालय योजना के हितग्राहियों का 01 अप्रैल से सर्वेक्षण कराने की घोषणा की है। जिससे इन योजनाओं के पात्र हितग्राहियों की जानकारी मिल सके और उन्हें भी लाभान्वित किया जा सके।
बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने की पात्रता –
गौरतलब है कि बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने के लिए निर्धारित मापदण्ड एवं शर्तों के अनुसार बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने के लिए आवेदक का छत्तीसगढ़ का मूल निवासी होना आवश्यक है। शिक्षित बेरोजगारों की आयु 18 से 35 वर्ष के बीच होनी आवश्यक है। वह मान्यता प्राप्त बोर्ड से न्यूनतम हायर सेकंडरी (12वीं) उत्तीर्ण हो। वह जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्ग दर्शन केंद्र में पंजीकृत हो और आवेदन के वर्ष के 1 अप्रैल को हायर सेकंडरी अथवा उससे अधिक योग्यता में उसका रोजगार पंजीयन न्यूनतम दो वर्ष पुराना हो। आवेदक की आय का कोई स्त्रोत न हो एवं आवेदक के परिवार की समस्त स्त्रोतों से वार्षिक आय 2 लाख 50 हजार रुपए से अधिक न हो। परिवार से तात्पर्य है- पति, पत्नी एवं आश्रित बच्चे एवं आश्रित माता-पिता।
पात्र शिक्षित युवा को प्रथमतः एक वर्ष के लिए बेरोजगारी भत्ता देय होगा। यदि व्यक्ति विशेष का एक वर्ष की इस अवधि में लाभकारी नियोजन नहीं हो पाता है, तो बेरोजगारी भत्ते की अवधि एक वर्ष के लिए और बढ़ाई जा सकेगी। किसी भी प्रकरण में यह अवधि दो वर्ष से अधिक नहीं होगी।
एक परिवार से एक ही व्यक्ति को बेरोजगारी भत्ता दिया जायेगा। यदि किसी परिवार के किसी व्यक्ति को बेरोजगारी भत्ता स्वीकृत किया जा चुका है, तो दूसरा व्यक्ति अपात्र होगा। आवेदक के परिवार के किसी भी सदस्य को केन्द्र अथवा राज्य सरकार की किसी भी संस्था अथवा स्थानीय निकाय में चतुर्थ श्रेणी या ग्रुप डी को छोड़कर अन्य नौकरी होने पर ऐसा आवेदक बेरोजगारी भत्ते के लिए अपात्र होगा। यदि आवेदक को स्वरोजगार या शासकीय अथवा निजी क्षेत्र में किसी नौकरी को ऑफर दिया जाता है, परन्तु आवेदक ऑफर स्वीकार नहीं करता है, तो ऐसा आवेदक बेरोजगारी भत्ता के लिए अपात्र होगा।
पूर्व और वर्तमान मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और संसद या राज्य विधान सभाओं के पूर्व या वर्तमान सदस्यों, नगर निगमों के पूर्व और वर्तमान महापौर और जिला पंचायतों के पूर्व और वर्तमान अध्यक्ष के परिवार के सदस्य बेरोजगारी भत्ता के लिए अपात्र होंगे। 10,000/-रूपये या उससे अधिक की मासिक पेंशन प्राप्त करने वाले पेंशन भोगी के परिवार के सदस्य बेरोजगारी भत्ते के लिए अपात्र होंगे। वे परिवार जिन्होंने पिछले असेस्मेंट ईयर में इनकम टैक्स भरा हो, उनके परिवार के सदस्य बेरोजगारी भत्ते के लिए अपात्र होंगे। अन्य पेशेवर जैसे- इंजीनियर, डॉक्टर, वकील, चार्टर्ड एकाऊन्टेंट और पेशेवर निकायों के साथ पंजीकृत ऑर्किटेक के परिवार के सदस्य बेरोजगारी भत्ता के लिए अपात्र होंगे।
बेरोजगारी भत्ते की राशि पात्र हितग्राही के बैंक खाते में प्र्रतिमाह अंतरित की जाएगी। जिन लोगों को बेरोजगारी भत्ता स्वीकृत किया जाएगा उन सभी व्यक्तियों को कौशल विकास प्रशिक्षण का ऑफर दिया जाएगा। कौशल विकास प्रशिक्षण के पश्चात् उन्हें रोजगार प्राप्त करने में सहायता की जाएगी और यदि वे कौशल विकास प्रशिक्षण में भाग लेने से इनकार करते हैं या ऑफर किया गया रोजगार स्वीकार नहीं करते हैं तो उनका बेरोजगारी भत्ता बंद कर दिया जाएगा।
योजना के आवेदनों का भौतिक सत्यापन, आवेदकों को समक्ष में बुलाकर किया जाएगा, जिसके लिये गावों एवं शहरों के वार्डो में क्लस्टर बनाए जाएंगे तथा प्रत्येक क्लस्टर के लिये सत्यापन टीम का गठन किया जाएगा। आवेदन सत्यापन उपरांत बेरोजगारी भत्ता जनपद पंचायत एवं नगरीय निकायों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी/आयुक्त नगर निगम द्वारा स्वीकृत किया जायेगा। बेरोजगारी भत्ता का भुगतान आवेदकों के बैंक खाते में डी.बी.टी. के माध्यम से किया जाएगा।