रमन सिंह जी कर रहे आर्थिक स्थिति को लेकर गैरजिम्मेदाराना बयानबाजी — शैलेश नितिन
स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशो को कांग्रेस सरकार ने लागू किया, इसे स्वीकार नहीं करना किसान विरोधी, धान विरोधी, और छत्तीसगढ़ विरोधी मानसिकता
रायपर — प्रदेश की आर्थिक स्थिति को लेकर दिए गए पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह जी के बयान पर पलटवार करते हुए प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि रमन सिंह जी ने जीतने गैर जिम्मेदारी से मुख्यमंत्री के साथ-साथ वित्त मंत्री रहते हुए प्रदेश का वित्तीय प्रबंधन किया अब उतनी ही गैर जिम्मेदारी से वे आर्थिक मामलों पदको लेकर बयानबाजी कर रहे हैं। रमन सिंह जी की सरकार ने सरकारी खजाने से घटिया क्वालिटी के मोबाइल खरीदे और बांटे लेकिन उनका भुगतान नहीं किया। अनेक स्थानों से मोबाइल गर्म होने मोबाइल फटने मोबाइल डिस्चार्ज होने और रिचार्ज की समस्याओं की शिकायतें आती रही। सरकार जाने के पूर्व आखिरी क्षणों में चुनावी फायदे के लिए रमन सिंह जी ने शिक्षाकर्मियों के आंशिक संविलियन की घोषणा तो की लेकिन इसके लिए वित्तीय प्रावधान नहीं किए जो अब कांग्रेस की भूपेश बघेल जी की सरकार को करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री जी के एक और विभाग जनसंपर्क विभाग में रमन सिंह जी के कार्यकाल में हुआ घोटाला तो सर्वविदित है। 450 करोड़ रुपए के विज्ञापन जारी कर दिए गए, लेकिन इन विज्ञापनों का कहां से भुगतान किया जाएगा इसके लिये रमन सिंह सरकार ने कोई प्रावधान नहीं किया। इतनी गैर जिम्मेदारी से बेहद महत्वपूर्ण वित्त विभाग और जनसंपर्क विभाग चलाने वाले रमन सिंह जी अब उतनी ही गैर जिम्मेदारी से प्रदेश की आर्थिक स्थिति को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि जब रमन सिंह जी ने सत्ता संभाली थी तब प्रदेश के ऊपर कोई कर्ज नहीं था लेकिन रमन सिंह जी ने समृद्ध छत्तीसगढ़ को कर्ज के बोझ में लाद दिया। अब जब भूपेश बघेल जी की सरकार रमन सिंह जी के द्वारा ना किए गए वित्तीय प्रावधानों के लिये धनराशि की व्यवस्था करने में लगी है और साथ ही साथ किसानों का 10,000 करोड़ का कर्ज माफ किया है तब रमन सिंह जी प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर गैर जिम्मेदाराना बयानबाजी कर रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों के अनुरूप फसलों का समर्थन मूल्य तय करने की बात कही थी। भाजपा की केंद्र सरकार के कृषि लागत एवं समर्थन मूल्य आयोग ने धान की लागत प्रति क्विंटल 1600 रुपए निकाली जो जानकारी वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। इस पर 50 प्रतिशत मूल्य जोड़ने पर और डीजल रासायनिक खाद जैसे कृषि आदानों के मूल्य में वृद्धि को जोड़ने पर 2500रू. प्रति क्विंटल धान का खरीदी मूल्य होना चाहिये जो भूपेश बघेल जी की सरकार किसानों को दे रही है। किसानों को प्रति क्विंटल 750 रू. समर्थन मूल्य से अधिक देकर स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशो को सही अर्थो में लागू करने का छत्तीसगढ़ सरकार के किसान हितकारी को स्वीकार करने के बजाय रमन सिंह जी राज्य की आर्थिक स्थिति पर तंज कसकर अपनी संकुचित मानसिकता को उजागर कर रहे हैं। भाजपा और रमन सिंह जी का यह बयान किसान विरोधी धान विरोधी और छत्तीसगढ़ विरोधी मानसिकता का जीता जागता सबूत है।