परिसीमन के नाम पर वार्डों का विलोपन व नामकरण जनभावनाओं के विपरीत — विकास उपाध्याय
नगर के वरिष्ठजनों के जानकारी अनुसार वार्डों का विलोपन व नामकरण करना विरासत की अस्मिता को दंडित करने के समान
रायपुर शहर के प्रत्येक वार्ड का परिसीमन नगर ही नहीं अपितु समूचे छत्तीसगढ़ के पौराणिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक व साहित्यिक इतिहास को खंडित करने के समान- विकास उपाध्याय
रायपुर — आसन्न नगरीय निकाय निर्वाचन के पूर्व परिसीमन के नाम पर पुराने वार्डों का विलोपन व नए वार्डों का सृजन नामकरण किया जाना जनभावनाओं के विपरीत कार्यवाही हैं।
निसंदेह जनदाताओ की संख्या में एकरूपता लाने की दृष्टि से वार्डों का परिसीमन किया जाना उचित व आवश्यक प्रतीत होता हैं तथापि परिसीमन की आड़ में वार्डों की एवम उनके नामकरण को विलोपित किया जाना उचित नहीं हैं, वार्डों का नामकरण नगरीय निकाय के क्षेत्राधिकार की विषय वस्तु हैं। शायद रायपुर नगर निगम के वार्डों के परिसीमन की कार्यवाही के पूर्व निर्वाचन आयोग के अधिकार व इस कार्य में सलंग्न कर्मचारी विस्तृत कर गए कि रायपुर नगर के प्रत्येक वार्डों के नामकरण के पूर्व उस वार्ड की पौराणिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक पृष्ठभूमि रही हैं। अब परिसीमन की अधिसूचना पश्चात प्रभावित वार्ड के नागरिकों की भावनाएं आहत हो रही हैं, वहीं उनके पहचान को समाप्त करने की कोशिश निर्वाचन आयोग द्वारा की गई हैं। नगर के वरिष्ठ नागरिकों ने उन्हें जानकारी दी हैं कि वार्डों का विलोपन व नामकरण करना विरासत की अस्मिता को दंडित करने का कार्य हैं।
रायपुर का ब्राह्मण पारा वार्ड की स्वतंत्रता आंदोलन को सक्रिय भूमिका, छत्तीसगढ़ का राजनीति का केंद्रबिंदु व समूचे वार्ड का शायद ही कोई एक मकान ऐसा हो जो केवल रायपुर अपितु छत्तीसगढ़ के हर जिलें व ग्राम के निवासी का प्रतिनिधित्व ना करता हो, यह तथ्य सरकारी दस्तावेज़ में भी दर्ज हैं ऐसे वार्ड का विलोपन निश्चय ही इस वार्ड के निवासियों को उद्वेलित करने वाला कार्य हैं।
यही नहीं कंकाली पारा वार्ड माता कंकाली देवी, महामाया पारा वार्ड माता महामाया देवी, बूढ़ापारा वार्ड बूढ़ेश्वर महादेव, लाखेनगर वार्ड केन्द्रीय सहकारी बैंक के संस्थापक वामनराव लाखे, नर्मदा पारा माँ नर्मदा देवी, डी. डी. नगर अंतर्गत स्थित बंजारी नगर विश्वविद्यालय के प्रांगण में स्थित माता बंजारी देवी के नाम पर हैं। रायपुर नगर के प्रत्येक वार्ड के नाम पर उसका अपना ऐतिहासिक महत्व हैं जो वहां के निवासियों का गौरव हैं, अतः किसी भी कानूनी कार्य व प्रकिया की आड़ में ना केवल किसी नगर अपितु छत्तीसगढ़ के राजनैतिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक व पौराणिक इतिहास को खंडित करना व उसकी अस्मिता को समाप्त करना जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ करना हैं।
अतः हमारी मंशा हैं कि जन भावनाओं का सम्मान कर वार्डों का परिसीमन किया जाये व विलोपन या नामकरण जैसी कार्यवाही निर्वाचन आयोग ना करें।