नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी योजना से पुरानी बाड़ी को मिला नया रूप , सब्जी उत्पादन से श्रीमती देवकुंवर को होने लगी आमदनी
रायपुर — सरकार के महत्वाकांक्षी नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी योजना से अब ग्रामीणों को लाभ मिलने लगा है। बालोद विकासखण्ड के ग्राम उमरादाह की श्रीमती देवकुंवर ने बताया कि पहले वह अपने पन्द्रह डिसमिल की बाड़ी में पत्तेदार सब्जियां और अरहर लगाती थीं। उत्पादन कम होने से घर के उपयोग के लिए ही सब्जी उपलब्ध हो पाती थी। अब उन्होंने नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी योजना से पुरानी बाड़ी को नया रूप दे दिया है। उद्यानिकी विभाग की तकनीकी सलाह से बाड़ी को सुव्यवस्थित कर भिंडी, भटा, करेला, गिलकी, तरोई, लौकी जैसी कई प्रकार की सब्जियां बाड़ी में लगाई हैं। श्रीमती देवकुंवर ने बताया कि बाड़ी में पहली फसल गिलकी, तरोई और लौकी की तैयार हो गई है। उन्होंने खुश होते हुए बताया सब्जियों को स्थानीय बालोद के बाजार में बेचने पर पॉच सौ रूपए की आमदनी हुई है। श्रीमती देवकुंवर ने कहा कि उसकी बाड़ी में इस वर्ष विभिन्न प्रकार की सब्जियों की फसलें लहलहा रही है, इन सभी फसलों से बेहतर आमदनी की उम्मीद है।