लखनऊ —नेताओं की पहचान बन चुकी खादी अब उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों के बच्चों की यूनिफार्म भी बनेगी। फिलहाल, मौजूदा सत्र में 4 जिलों के 6 ब्लॉकों के प्राथमिक स्कूलों में पॉयलट प्रॉजेक्ट के तौर पर इसे लागू किया गया है। इस पायलट प्रोजेक्ट के सफल हो जाने के बाद अगले साल से इसे पूरे प्रदेश के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में लागू किया जायेगा और सभी बच्चे खादी निर्मित यूनिफार्म में नजर आयेंगे। उप्र के खादी एवं ग्रामोदयोग विभाग के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल ने रविवार को भाषा से विशेष बातचीत में कहा कि राज्य सरकार में पहली बार पॉयलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रदेश के चार जिलों-लखनऊ, सीतापुर, बहराइच तथा मिर्जापुर में प्राथमिक स्कूलों के बच्चों को खादी की ड्रेस आपूर्ति करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में खादी संस्थाओं को समय से आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश भी दे दिए गए हैं।
सरकार प्रदेश के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक में पढ़ने वाले बच्चों को हर साल दो सेट स्कूल ड्रेस उपलब्ध करवाती है। इस बार पायलट प्रॉजेक्ट के तौर पर चार जिलों के छह ब्लॉक में बेसिक शिक्षा विभाग ने खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड को यूनिफॉर्म आपूर्ति की जिम्मेदारी सौंपी है। सहगल ने कहा कि इस व्यवस्था से खादी संस्थाओं को लाभ होगा। इससे खादी का जहां उत्पादन बढ़ेगा, वहीं लोगों को व्यापक स्तर पर रोजगार के अवसर पर भी सुलभ होंगे। दरअसल सरकार की नजर इस कदम के जरिए खादी विभाग की आर्थिक स्थिति सुदृढ़कर ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार बढ़ाने पर भी है।
सरकार प्रत्येक जिले में खादी के बिक्री स्टोर खोलने के लिए बेरोजगार युवक-युवतियों से आवेदन आमंत्रित करेगी। उप्र की खादी को देश-विदेश में विशिष्ट पहचान के लिए खादी उप्र का अलग लोगो तैयार कराया जाएगा। इस संबंध में विभाग के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल ने योजना तैयार कर सरकार के समक्ष पेश की है। खादी विभाग के अनुसार उप्र की खादी को ब्रांड बनाने के लिए खादी ग्रामोद्योग की यूनिटों में तैयार वस्त्रों और अन्य उत्पादों को ऑनलाइन मार्केटिंग के लिए ई कामर्स वेबसाइट अमेजन इंडिया, फ्लिपकार्ट से भी जोड़ा गया है और कई अन्य कंपनियों से भी संपर्क किया जा रहा है। गौरतलब है कि पिछले दिनों खादी विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा भी था कि व्यापक स्तर पर बच्चों को अगर खादी विभाग यूनिफॉर्म उपलब्ध करवाए तो इससे जहां अच्छी गुणवत्ता की यूनिफॉर्म बच्चों को मिलेगी और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।