बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है — अनिला भेंड़िया

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फुलवारी योजना पर कार्यशाला ……
 रायपुर —  महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया की अध्यक्षता में आज यहां न्यू सर्किट हाउस में फुलवारी योजना को और अधिक बेहतर बनाने की दृष्टि से एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। श्रीमती भेंड़िया ने कहा कि बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है और हर संभव प्रयास करने को तैयार है।
     श्रीमती भेंड़िया ने बताया कि जनघोषणा पत्र में भी फुलवारी केंद्रों की स्थापना और विस्तार को शामिल किया गया हेै। बच्चों में कुपोषण को शुरूआत से रोका जाना जरूरी है। उन्होंने फुलवारी योजना के सफल संचालन के लिए प्रभावी कार्ययोजना बनाने पर जोर दिया, जिससे दूरस्थ क्षेत्रों और कमजोर वर्ग के बच्चों तक पोषण और स्वास्थ्य सुविधाएं सुगमता से पहुंचाई जा सके।
     श्रीमती भेंड़िया ने योजना के संचालन में आने वाली दिक्कतों को दूर करने  के लिए मैदानी स्तर में अधिक काम करने की जरूरत बतायी और विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारियों से आंगनबाड़ी केंद्रों और प्राथमिक शालाओं तक न पहंुच पाने वाले वाले सभी बच्चे की जानकारी एकत्र करने को कहा। उन्होंने इसके लिए समुदायिक सहयोग भी लेने को कहा।
      महिला एवं बाल विकास विभाग की आयुक्त सह सचिव डॉ.एम गीता ने कहा कि प्रदेश को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए सबके समर्पण की जरूरत है। उन्होंने बताया कि फुलवारी केंद्रों में तीन वर्ष तक के बच्चों की देखभाल कर उन्हें स्वस्थ और सुपोषित बनाने का प्रयास किया जाता है। अगस्त 2012 में सरगुजा जिले में नवाचार के रूप में 300 फुलवारी केंद्रों की स्थापनी की गई थी। इसके बाद योजना का विस्तार करते हुए 85 अनुसूचित क्षेत्रों के प्रत्येक विकासखण्ड के लिए 30 फलवारी केन्द्र स्वीकृत किए गए।
      कार्यशाला में स्वयंसेवी संस्था सीएलआर पुणे के संचालक श्री चितरंजन कौल, एसएचआरसी रायपुर के कार्यपालक निदेशक श्री प्रवीर, जनस्वास्थ्य सहयोग, गनियारी के कार्यक्रम समन्वयक श्री रविन्द्र कुरबुड़े, ग्रामीण विकास फाउंडेशन,दिल्ली के श्री प्रतीप, युनिसेफ रायपुर के शिक्षा विशेषज्ञ श्री शेषगिरी और युनिसेफ दिल्ली की शिक्षा विशेषज्ञ सुश्री सुनिशा आहूजा ने विभिन्न राज्यों में बच्चों की देखभाल और कुपोषण मुक्ति के प्रभावी परिणामों पर अपने अनुभव साझा कर सुझाव दिए। कार्यशाला में युनिसेफ एवं स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधि सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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