अमरटापू धाम मेले के लिए हर वर्ष दी जाएगी 10 लाख रूपए की राशि : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

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मुख्यमंत्री श्री साय ने संत शिरोमणि बाबा गुरु घासीदास जयंती समारोह को फोन से सम्बोधित करते हुए की घोषणा

मुख्यमंत्री श्री साय के प्रतिनिधि के रूप में उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा शामिल हुए कार्यक्रम में

रायपुर, / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने संत शिरोमणि बाबा गुरु घासीदास जी की 267वीं जयंती के अवसर पर अमरटापू धाम, मोतिमपुर, जिला मुंगेली में आयोजित गुरु पर्व मेला कार्यक्रम को फोन से सम्बोधित किया। उन्होंने वहां उपस्थित नागरिकों का अभिवादन करते हुए प्रदेशवासियों को बाबा गुरू घासीदास जयंती की बधाई और शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हो पाने पर सभी से क्षमा मांगी। श्री साय ने इस मेला का संचालन बेहतर ढंग से करने के लिए प्रत्येक वर्ष 10 लाख रुपए की राशि देने की घोषणा की। उन्होंने संत शिरोमणि बाबा गुरु घासीदास के जीवन दर्शन और समरसता के संदेश का उल्लेख करते हुए सभी लोगों से बाबा गुरूघासीदास के बताए रास्ते पर चलने का आग्रह किया।

गौरतलब है कि अमरटापू धाम, मोतिमपुर में सन् 1996 से प्रतिवर्ष गुरुघासी जयंती पर गुरुपर्व मेला का आयोजन होता आ रहा है। उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रतिनिधि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बाबा गुरू घासीदास जी का जयकारा लगाया। उप मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाबा गुरूघासी दास के आशीर्वाद से राज्य में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहे ऐसी मैं कामना करता हूं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आज यहां नहीं आ पाए लेकिन मुझे इस वादे के साथ भेजे हैैं कि अगले वर्ष वे जरूर आएंगे। श्री शर्मा ने कार्यक्रम स्थल में मुख्यमंत्री को फोन करके लाउड स्पीकर से सभी लोगों को उनके उद्गार सुनाई। उप मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री की घोषणा के संबध में कहा कि अगले वर्ष से 10 लाख रूपए की राशि इस मेले के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। कार्यक्रम के मंच पर क्षेत्रीय विधायक श्री पुन्नूलाल मोहले, पूर्व विधायक, कार्यक्रम के संयोजक मंडल के पदाधिकारी और पद्मश्री श्रीमती उषा बारले भी कार्यक्रम में उपस्थित थी।

मुंगेली विधायक श्री पुन्नुल्लाल मोहले ने बाबा गुरु दास का जयकारा लगाकर अपने सम्बोधन की शुरूआत की। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित जनप्रतिनिधियों, समिति के पदाधिकारियों, श्रद्धालुओं, संत, महंत, सभी का अभिवादन किया। उन्होंने कहा कि संत शिरोमणि गुरू घासीदास जी का जन्म गिरौदपुरी की पावन भूमि में हुआ। बाबा गुरू घासीदास ने छाता पहाड़ में कठोर तपस्या की और लोगों को सत्य, अहिंसा और सामाजिक समरसता का संदेश दिया।

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