वृद्ध विमर्श पर राष्ट्रीय सेमीनार 16 फरवरी से… देश के अनेक विद्वान, प्राध्यापकगण, शोधार्थी और विद्यार्थीगण लेंगे हिस्सा
रायपुर। मैट्स यूनिवर्सिटी, रायपुर के हिन्दी विभाग द्वारा ’वृद्ध विमर्शः कल, आज और कल’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन 16 एवं 17 फरवरी 2024 को किया जा रहा है। सामाजिक कर्तव्यों के निर्वहन की दिशा में कदम उठाते हुए वृद्धों के सम्मान के प्रति समाज में जागरुकता बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित इस सेमीनार में छत्तीसगढ़ सहित देश के प्रसिद्ध साहित्यकार, विषय विशेषज्ञ तथा शोधार्थी व विद्यार्थीगण हिस्सा ले रहे हैं।
मै़ट्स यूनिवर्सिटी के हिन्दी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. रेशमा अंसारी ने बताया कि इस सेमीनार में आमंत्रित अतिथियों के रूप में देश की वरिष्ठ महिला साहित्यकार अलका सरावगी और मनीषा कुलश्रेष्ठ सहित पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सच्चिदानंद शुक्ला,वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. प्रेम भारद्वाज ज्ञानभिक्षु (दिल्ली), डॉ. सुधीर शर्मा, डॉ. सुशील त्रिवेदी, प्रो. आरएस कुरील उपस्थित रहेंगे। इस सेमीनार में देश के विषय विशेषज्ञों, प्राध्यापकों, शोधार्थियों द्वारा वृद्ध विमर्श से संबंधित अनेक विषयों पर शोध पत्रों की प्रस्तुति की जाएगी। सेमीनार के उपविषयों में ’हिन्दी साहित्य में वृद्ध विमर्श’, ’बदलते सामाजिक मूल्य एवं वृद्ध विमर्श’, ’ऐतिहासिक परिदृश्य में वृद्ध विमर्श’, ’भारत में वृद्धों की सामाजिक समस्या और समाधान’, ’वृद्ध विमर्शः परम्परा और आधुनिकता का द्वंद’, ’वृद्ध विमर्शः मनोवैज्ञानिक, पारिवारिक, आर्थिक, राजनैतिक और मूल्य आधारित आयाम’, ’वृद्धों के जीवन को सुखमय बनाने में सरकार की भूमिका’, ’वृद्ध व्यक्तियों के लिए कानूनी प्रावधान और योजनाएँ’, ’विश्व में वृद्ध जीवन की समस्या और उनका निदान’, ’21 वी सदी का वृद्ध जीवनः त्रासदी’, ’शहरी एवं ग्रामीण वृद्धों की समस्याएं एक विवेचन’, ’हिन्दी साहित्य में प्रतिबिंबित वृद्धों की सामाजिक समस्याएं’, ’समकालीन कविता में वृद्ध विमर्श’, ’समकालीन हिन्दी कथा साहित्य में चित्रित वृद्ध जीवन समस्या’, ’वृद्धावस्था और गैर सरकारी संगठनों की भूमिका’ शामिल है। शोध सारांश प्रेषित करने की अंतिम तिथि 5 फरवरी 2024 एवं पूर्ण शोध पत्र प्रेषित करने की अंतिम तिथि 10 फरवरी 2024 निर्धारित की गई है। शोध पत्र हिन्दी एवं अंग्रेजी दोनों भाषाओं में प्रेषित किए जा सकते हैं। सेमीनार के उद्घाटन सत्र में स्मारिका का भी विमोचन किया जाएगा।