शांति और भरोसे की बात कम-से-कम कांग्रेस और उसके प्रदेश अध्यक्ष बैज न ही करें, तो बेहतर है : भाजपा
प्रदेश महामंत्री श्रीवास्तव का बैज के पत्र पर पलटवार : कांग्रेस के शासनकाल में नक्सली गतिविधियों का जिस तरीके से विस्तार हुआ है, उससे यह साफ दिखता है कि कांग्रेस के शासनकाल में ही नक्सली गतिविधियां फली-फूली हैं
‘आदिवासियों के लिए कोई भी रचनात्मक विचार नहीं है, इसलिए बौखलाहट में सुझाव मांगने पर भी नकारात्मक राजनीति, झूठ और फरेब की राजनीति बैज और उनकी कांग्रेस कर रही है’
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने उप मुख्यमंत्री/गृह मंत्री विजय शर्मा द्वारा नक्सली मुठभेड़ को लेकर पत्रकारों से चर्चा के दौरान कांग्रेस के नजरिए की आलोचना करते हुए प्रस्तुत आँकड़ों व तथ्यों के जवाब में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज द्वारा लिखे गए पत्र को कोरी राजनीतिक जुमलेबाजी करार दिया है। श्री श्रीवास्तव ने दो टूक कहा कि शांति और भरोसे की बात कम-से-कम कांग्रेस और उसके प्रदेश अध्यक्ष बैज न ही करें, तो बेहतर है। सामंतवादी सोच के साथ बस्तर के राजा प्रवीरचंद्र भंजदेव की हत्या करके कांग्रेस ने आदिवासियों का जो विश्वास तोड़ा था, बस्तर की अधिकांश समस्या की जड़ में कांग्रेस के ऐसे ही अनेक कृत्य हैं।
भाजपा प्रदेश महामंत्री श्री श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रदेश की भाजपा सरकार नक्सल उन्मूलन की दिशा में तेजी से आगे बढ़कर लगातार विकास के माध्यम से विश्वास बहाली में जुटी है। कांग्रेस के शासनकाल में नक्सली गतिविधियों का जिस तरीके से विस्तार हुआ है, उससे यह साफ दिखता है कि कांग्रेस के शासनकाल में ही नक्सली गतिविधियां फली-फूली हैं। भाजपा की सरकार ने बस्तर से लेकर नक्सल प्रभावित आदिवासी इलाकों तक विकास के कार्य किए हैं और नक्सलियों के हौसलों को तोड़ने का काम किया है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि बेहतर होता यदि प्रदेश हित में नक्सलवाद को खत्म करने के लिए, नक्सली गतिविधियों को रोकने के लिए बैज कोई सार्थक व सुपरिणामकारी सुझाव देते। उनके उन सुझावों पर निश्चित ही प्रदेश की भाजपा सरकार अमल करती, लेकिन दुर्भाग्य है कि कांग्रेस नक्सलियों के नाम पर अपनी राजनीतिक दुकानदारी चलाना चाहती है, अपनी राजनीति चलाना चाहती है। यह देश और प्रदेश के लिए दुर्भाग्य का विषय है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार का कृत्य ही ऐसा था कि बस्तर के आदिवासी समुदाय ने 12 की 8 सीटें भाजपा को दी और सरगुजा की जनजाति बहुल 14 सीटों पर कांग्रेस को पराजय का सामना करना पड़ा है। कुल मिलाकर एक सुझाव मांगने के नाम पर भी प्रदेश कांग्रेस कमेटी राजनीति कर रही है, फरेब कर रही है।