मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने “उल्लास साक्षरता अभियान” का किया शुभारंभ’
छत्तीसगढ़ में 10 लाख असाक्षरों को साक्षर बनाने का लक्ष्य
राज्य में एक लाख उल्लास साक्षरता केन्द्र प्रारंभ
एक लाख चयनित स्वयं सेवी शिक्षक असाक्षरों को करेंगे साक्षर
रायपुर / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित राज्य स्तरीय उल्लास मेले में एक लाख उल्लास साक्षरता केन्द्र का वर्चुअल शुभारंभ किया। इन साक्षरता केन्द्रों को संचालित करने के लिए शिक्षा विभाग के राज्य साक्षरता मिशन द्वारा एक लाख स्वयं सेवी शिक्षक चयनित किए गए हैं। स्वयं सेवी शिक्षकों का दायित्व अपने-अपने साक्षरता केन्द्र में फिलहाल 10 असाक्षरों को अक्षर ज्ञान से परिचित कराकर साक्षर बनाएंगे। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस मौके पर प्रदेशव्यापी उल्लास साक्षरता अभियान का शुभारंभ मां सरस्वती की मूर्ति में माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित किया। उन्होंने इस अवसर पर अभियान से संबंधित उल्लास पोस्टर, उल्लास गीत, न्यूज़ लेटर और ब्रोसर का भी विमोचन किया। इस दौरान उल्लास कार्यक्रम पर आधारित वृत्त चित्र का प्रदर्शन भी किया गया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर प्रदेश में राज्य स्तरीय उल्लास मेला में बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान के लिए नवाचारी गतिविधियों पर केंद्रित राज्य स्तरीय प्रदर्शनी का शुभारंभ कर इसका अवलोकन किया। यहां 5 संभागों सहित एससीईआरटी द्वारा प्रदर्शनी लगाई गई है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि शिक्षा विकास का मूल मंत्र है। मनुष्य को किसी भी क्षेत्र में विकास करना है तो शिक्षा बहुत जरूरी है। शिक्षा प्राप्त करके डिग्री हासिल करना और सरकारी नौकरी प्राप्त करने का माध्यम नहीं है, बल्कि मनुष्य को किसी भी क्षेत्र में चाहे वह व्यापार, समाज सेवा है या राजनीति का क्षेत्र हो सभी के लिए शिक्षा जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा यह देश शिक्षा के क्षेत्र में बहुत अग्रणी रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय साक्षरता मिशन का काम अच्छा हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने अनुभव को साझा करते हुए दो-तीन उदाहरण बताए, जिसमें उन्होंने असाक्षर लोगों के साथ होने वाली घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यदि वे साक्षर होते तो ऐसे धोखाधड़ी से बच सकते थे। इसलिए सभी असाक्षर लोगों को साक्षर होना अति आवश्यक है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने शिक्षा का महत्व बताते हुए कहा कि दुनिया में शिक्षा एक ऐसी चीज है जो बांटने से बढ़ती है। हमारे आसपास जितने भी असाक्षर लोग है उनको साक्षर करना है। हम लोगों ने 10 लाख लोगों को साक्षर करने का बीड़ा उठाया है। इस लक्ष्य से अधिक लोगों को कर पाएंगे तो और अच्छा होगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि महासमुंद जिले के बागबाहरा निवासी नव साक्षर हमारी बहन श्रीमती शांति देवी ठाकुर जिनके हाथ नहीं है। वह साक्षर होकर पांव से लिखती है। उनकी लिखावट भी बड़ी अच्छी है। यह देखकर हमें बड़ी प्रसन्नता हो रही है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी कीे शिक्षा के नवाचारी सोच के तहत पूरे देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू किया है। प्रधानमंत्री के मंशानुसार हमारी सरकार ने भी छत्तीसगढ़ में नई शिक्षा नीति को लागू कर दिया है। छत्तीसगढ़ के 211 स्कूल पीएम श्री योजना के तहत संचालित है। उन्होंने इस मौके पर लोगों को उल्लास साक्षरता शपथ दिलाने के साथ ही सभी स्वयं सेवी शिक्षकों और प्रेरकों का आह्वान किया कि वे असाक्षरों को अंक ज्ञान और अक्षर ज्ञान कराकर उन्हें सक्षम बनाए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में लगातार उल्लेखनीय कार्य हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य साक्षरता मिशन बिना बजट के अच्छा काम करने वाली एक संस्था है, जो शिक्षा का प्रचार-प्रसार अंतिम व्यक्ति तक कर रहे है। उन्होंने कहा कि एससीईआरटी द्वारा छत्तीसगढ़ के प्रमुख बोलियों में प्राथमिक शिक्षा देने के कार्य योजना बनाई गई है, जिससे अलग-अलग बोली भाषा समझने वाले असाक्षरों को भी साक्षर बनाया जा सके।
कार्यक्रम के अति विशिष्ट अतिथि रायपुर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले 5 वर्षों से साक्षरता मिशन को बंद कर दिया गया था जिसे मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में फिर से शुरुआत की गई है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी शिक्षा के साथ-साथ सभी क्षेत्रों में गरीब भाई बहनों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं बना रहे हैं उन सभी योजनाओं में फॉर्म भरने के लिए अपना हस्ताक्षर करना पड़ेगा उन्हे पता होना चाहिए की किस कागज पर वह हस्ताक्षर कर रहे है। उन्होंने कहा कि उल्लास कार्यक्रम के तहत असाक्षरों को साक्षर बनाया जाएगा उन्हें पढ़ना लिखना सिखाया जाएगा।
स्कूल शिक्षा सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के प्रचार-प्रसार के लिए 1 से 8 सितम्बर तक देश एवं प्रदेश में साक्षरता सप्ताह का भव्य आयोजन हुआ। इस दौरान छत्तीसगढ़ के सभी जिलों, ब्लॉकों, नगरीय क्षेत्रों और ग्राम पंचायतों के साथ-साथ शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षा और साक्षरता पर केन्द्रित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए।
कार्यक्रम में दुर्ग जिले की नवसाक्षर श्रीमती मोहनी पटेल, महासमुंद जिले की श्रीमती शांति बाई ठाकुर, कांकेर की श्रीमती मीना नरेटी, बिलासपुर जिले की श्रीमती शीतल धीवर, बलरामपुर जिले की श्रीमती सुमिता सिंह को सम्मानित किया गया। इसी प्रकार स्वयंसेवी शिक्षकों में राजनांदगांव की श्रीमती करिश्मा पटेल, सुकमा की कुमारी शांति नाग, सरगुजा की कुमारी श्रुति तिवारी, बिलासपुर के श्री हर्ष साहू, रायपुर की श्रीमती निर्जला धीवर को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विधायक सर्वश्री पुंरदर मिश्रा, अनुज शर्मा, इंद्र कुमार साहू, राजेश मूणत, मोतीलाल साहू, गुरु खुशवंत साहेब सहित अन्य जनप्रतिनिधि, राज्य साक्षरता मिशन के संचालक श्री राजेन्द्र कटारा, समग्र शिक्षा प्रबंध संचालक श्री संजीव झा, रायपुर जिला कलेक्टर श्री गौरव सिंह, वरिष्ट पुलिस अधीक्षक श्री संतोष सिंह सहित विभागीय अधिकारी-कर्मचारी और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।