बीज बुआई महापर्व बना जन आंदोलन ……. बीज बुआई महापर्व में दो लाख लोगों ने लिया हिस्सा
एक दिन में 52 हजार 900 किलोग्राम फलदार एवं सब्जी बीज का छिड़काव….
बीज बुआई में 6 हजार 400 नग सीड बाॅल का भी हुआ उपयोग….
रायपुर, 13 जुलाई 2019 — छत्तीसगढ़ के जंगलों में 11 जुलाई को आयोजित बीज बुआई महापर्व में लगभग 2 लाख लोगों ने हिस्सा लिया जिसमें प्रदेश के सभी 34 वन मंडलों के अंतर्गत 11 हजार 185 ग्रामों में गठित 7 हजार 887 वन प्रबंधन समितियों के सदस्य, वन अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि और स्थानीय ग्रामीण शामिल हुए। वन विभाग के इस अभियान को सारे लोगों ने एक ही दिन एक साथ मिलकर मूर्त रूप दिया। पूरे प्रदेश में 52 हजार 900 किलोग्राम फलदार एवं सब्जी बीज का छिड़काव किया गया, जिसमें 46 हजार 500 किलोग्राम फलदार वृक्ष के बीज, 6 हजार 400 किलोग्राम सब्जी बीज और 19 लाख 35 हजार 500 नग सीड बाॅल का छिड़काव किया गया। इसे बीज बुआई महापर्व का नाम दिया गया और वन विभाग द्वारा प्रतिवर्ष इसी दिन ऐसा आयोजन करने का निर्णय लिया गया।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा वन्यप्राधियों के लिए वन में आसानी से भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वन क्षेत्रों में फलदार वृक्ष प्रजातियों के बीजों के छिड़काव के लिए निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत वनमंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में इस महाअभियान की शुरूआत की गई है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि इसका उद्देश्य वन क्षेत्रों में वन्य प्राणियों के लिए भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करना है ताकि वन्य प्राणियों के प्राकृतिक रहवास से उनका पलायन रोका जा सके। इसके अलावा वन क्षेत्रों में फलदार वृक्षों को बढ़ावा देना भी है। उन्होंने बताया कि इस अभियान से वन प्रबंधन समिति को वनेत्तर क्षेत्रों में फलदार एवं सब्जी के वृक्षारोपण के माध्यम से अतिरिक्त आय भी अर्जित होगी और ग्रामीण क्षेत्रों में फलों की उपलब्धता होगी जिससे ग्रामीणों को उचित पोषण भी मिलेगा। साथ ही खुले वन क्षेत्र में फलदार प्रजातियों के रोपण द्वारा खुली वन भूमि का सदुपयोग भी होगा।
इस अभियान के लिए फलदार वृक्षों के बीजों के छिड़काव के लिए खुला वन क्षेत्र जहां मिट्टी अच्छी हो, पुराने वृक्षारोपण क्षेत्र तथा वर्तमान में प्रस्तावित रोपण क्षेत्र, सीपीटी के मेड, जल मृदा संरक्षण हेतु निर्मित संरचनाओं जैसे- कन्टुर ट्रेन्च, तालाब, स्टाॅप डैम तथा नदी नालों एवं अन्य छोटे जल स्त्रोत एवं अतिक्रमण हेतु संवेदनशील वन क्षेत्र एवं बेदखल अतिक्रमित क्षेत्रों का और सब्जी प्रजातियों हेतु वन क्षेत्र से बाहर सब्जी उत्पादन के लिए उपयुक्त भूमि का यचन किया गया है। चयनित भूमि में फलदार एवं सब्जी बीजों की बुआई के उपरांत उसकी सुरक्षा एवं रख-रखाव का दायित्व संबंधित वन प्रबंधन समिति सदस्यों को सौपा गया है। इन बीजों में फलदार प्रजातियों जैसे आम, कटहल, जामून, बेर, बेल, करौंदा वन क्षेत्रों में तथा लौकी, बरबटटी, भिण्डी, बैगन जैसे सब्जी प्रजातियों शामिल है।
बीजों की बुआई के लिए सामान्य बीज के साथ-साथ सीडबाॅल का प्रयोग भी किया जा रहा है ताकि कम लागत एवं देख-भाल में स्वस्थ पौधे तैयार हो सके। राज्य के समस्त वनमण्डलों में विभिन्न प्रजातियों के 19 लाख 35 हजार 500 सीडबाॅल तैयार कर बुआई की गई है।
वन विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार रायपुर वृत्त में 14775 कि.ग्रा. फलदार वृक्ष, 2757 कि.ग्रा. सब्जी बीज और 366734 नग सीड बाॅल, दुर्ग वृत्त में 423 कि.ग्रा. फलदार वृक्ष, 278 कि.ग्रा. सब्जी बीज और 159766 नग सीड बाॅल, सरगुजा वृत्त में 15406 कि.ग्रा. फलदार वृक्ष, 1058 कि.ग्रा. सब्जी बीज और 196200 नग सीड बाॅल, बिलासपुर वृत्त में 3144 कि.ग्रा. फलदार वृक्ष, 324 कि.ग्रा. सब्जी बीज और 971230 नग सीड बाॅल, जगदलपुर वृत्त में 4203 कि.ग्रा. फलदार वृक्ष, 402 कि.ग्रा. सब्जी बीज और 209798 नग सीड बाॅल तथा कांकेर वृत्त में 8575 कि.ग्रा. फलदार वृक्ष, 1637 कि.ग्रा. सब्जी बीज और 31774 नग सीड बाॅल का छिड़काव किया गया।