कर्नाटक में सियासी नाटक चरम पर

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बेंगलुरु — भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी, मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी पर विधानसभा में सोमवार को विश्वास मत हासिल करने के लिए दबाव डालेगी। कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके येदियुरप्पा ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस-जनता दल (एस) गठबंधन सरकार बहुमत खो चुकी है और उसका पतन अवश्यसंभावी है। अपनी सरकार के बने रहने के संकट के बीच एक चौंकाने वाला कदम उठाते हुये कुमारस्वामी ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा में ऐलान किया था कि वह स्वैच्छिक रूप से विश्वास मत हासिल करना चाहते हैं ताकि विद्रोही विधायकों के इस्तीफे से उत्पन्न ‘‘भ्रम’’ खत्म हो सके और विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया कि वह इसके लिए समय निर्धारित करें। येदियुरप्पा ने शनिवार को कहा कि मुख्यमंत्री को ‘‘सोमवार को विश्वास प्रस्ताव अवश्य लाना चाहिये।’’

उन्होंने कहा कि उनके लिए यही उचित होगा कि वे त्यागपत्र दे दें और नयी सरकार का गठन होने दें। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन के 16 असंतुष्ट विधायकों में से 10 विधायकों के इस्तीफे पर स्पीकर को 16 जुलाई तक यथास्थिति बरकरार रखने के आदेश दिए थे। कर्नाटक में पिछले साल त्रिशंकु विधानसभा के बाद गठबंधन सरकार बनी थी। तब से ही सरकार उतार-चढ़ाव के कई दौर से गुजरी है। सरकार अब गंभीर संकट से गुजर रही है। उसके 16 विधायकों ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है। इनमें से 13 विधायक कांग्रेस के और तीन जद(एस) के हैं। सत्तारूढ़ गठबंधन में अध्यक्ष को छोड़कर कुल 116 विधायक (कांग्रेस के 78, जद(एस) के 37 और बसपा के एक विधायक है। दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ 224 सदस्यीय सदन में भाजपा के विधायकों की संख्या 107 है। अगर 16 विधायकों के इस्तीफे मंजूर किए जाते हैं तो गठबंधन में शामिल विधायकों की संख्या घटकर 100 रह जाएगी।
कर्नाटक के सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन के पांच और बागी विधायकों ने उनके इस्तीफे स्वीकार करने से विधानसभा अध्यक्ष के इनकार के खिलाफ शनिवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया। ये पांच विधायक आनंद सिंह, के. सुधाकर, एन. नागराज, मुनिरत्न और रोशन बेग हैं। उन्होंने कहा है कि पहले से ही लंबित दस अन्य बागी विधायकों की याचिका में उन्हें भी शामिल कर लिया जाए। इस याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होनी है।

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