राष्टीय बाल शिक्षण संगठन के राष्टीय अध्यक्ष साकेत जंगड़े और उनके टीम ने मालखरौदा शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया।

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जांजगीर – चाँपा  — दरअसल मामला जांजगीर-चांपा जिले के विकासखंड मालखरौदा के शासकीय माध्यमिक स्कूल अमानदुला का है।जहां के प्रधानाध्यापक द्वारा शासन द्वारा निर्धारित माइग्रेशन शुल्क से अत्यधिक राशि की वसूली की जा रही थी।एवं स्थानांतरण प्रमाण पत्र के लिए ₹100 प्रत्येक छात्र से लिया जा रहा था। बच्चों के द्वारा दूसरे स्कूलों में भी पता किया गया जहां से उन्हें जानकारी मिली की स्थानांतरण प्रमाण पत्र के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाना है।धीरे-धीरे बात आग की तरह फैल गई और बात मीडिया में भी पहुंची स्थानीय संवाददाता देवेंद्र रात्रे और उनकी टिम द्वारा मामले की जानकारी लेने स्कूल पहुंचे और वहां से वहां के छात्रों से बात की छात्रों के द्वारा बताया गया कि कुल ₹230 लिया जा रहा है उन्हें पूछने पर क्या का शुल्क है बता पाने में असमर्थ नजर आए तो कुछ छात्रों ने बताया कि ₹130 माइग्रेशन शुल्क एवं ₹100 स्थानांतरण प्रमाण पत्र का लिया जा रहा है। वहीं मामले की जानकारी प्रधानाध्यापक से लेना चाही गई तो उनके द्वारा जानकारी देने से मना कर दिया गया।और टालमटोल करते नजर आए मामले की और अधिक जानकारी के लिए विकास खंड शिक्षा अधिकारी से संपर्क किया गया उनके द्वारा बताया गया कि माइग्रेशन शुल्क ₹110 लिया जाना है और स्थानातरण प्रमाण पत्र निशुल्क है।अब यहां यह सवाल खड़ा होता है कि किसके कहने पर या मनमर्जी तरीके से अत्यधिक शुल्क वसूलने और स्थानांतरण प्रमाण पत्र के लिए ₹100 वसूलने वाली प्रधानाध्यापक पर जल्द से जल्द उचित कार्यवाही करने की मांग की है ।

 

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