सिनेमाघर होंगे ज्यादा, तभी आगे बढ़ेगा छत्तीसगढ़ी सिनेमा.. छत्तीसगढ़ी फ़िल्म कलाकार प्रेस क्लब में पत्रकारों से हुए रूबरू

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अभिनेता अमलेश नागेश, अभिनेत्री एल्सा घोष ने साझा किए किस्से


रायपुर । छत्तीसगढ़ी सिनेमा की चर्चा अब मुंबई में होने लगी है। जब कोई छत्तीसगढ़ी फिल्म हिट होती है तो इसका असर बॉलीवुड फिल्मों पर भी पड़ता है। क्योंकि हमारे यहां भी कंटेंटवाइस बेहतर फिल्में बनने लगी हैं। कोई आश्चर्य की बात नहीं, जब छत्तीसगढ़ी सिनेमा में कॉर्पोरेट भी रुचि दिखाने लगेंगे. यह कहना है छत्तीसगढ़ फिल्मों के जाने-माने डायरेक्टर प्रणव झा का, जिनकी मेगा स्टार और मेगा बजट फिल्म ‘टीना टप्पर’ 24 जनवरी को सिनेमा घरों में रिलीज हो रही है.
सोमवार को प्रेस क्लब के रूबरू कार्यक्रम में डायरेक्टर प्रणव झा के साथ छत्तीसगढ़ी फिल्मों के स्टार अमलेश नागेश, अभिनेत्री एल्सा घोष निर्माता रोशन विरवानी, अजय सिंह और फिल्म वितरक राकेश मिश्रा शामिल हुए. सभी का मानना था कि रीजनल सिनेमा की सबसे बड़ी समस्या पर्याप्त सिनेमाघर की कमी है। सरकार इस दिशा में पहल करे तो ग्रामीण क्षेत्रों में सिंगल स्क्रीन सिनेमा की संख्या बढ़ेंगी और ज्यादा से ज्यादा लोग छत्तीसगढ़ी फिल्मों को देख पाएंगे। अभिनेता अमलेश नागेश ने कहा कि फिल्मों से ज्यादा मुझे यूट्यूब के लिए वीडियो बनाना अच्छा लगता है। मुझे शुरू से छत्तीसगढ़ी कंटेंट लिखना और उस पर वीडियो बनाना अच्छा लगता है। फिल्मों में काम करना मेरा मकसद नहीं रहा है, यह तो मेरा सौभाग्य है कि फिल्मकारों ने मुझे चुना। अभिनेत्री एल्सा घोष ने कहा कि छत्तीसगढ़ी सिनेमा अपनी एक अलग पहचान बना रहा है। लेकिन छत्तीसगढ़ में सिंगल स्क्रीन सिनेमा की संख्या बहुत कम है। इसके लिए फिल्म निर्माण की लागत निकालना मुश्किल होता है। सिंगल स्क्रीन की संख्या बढ़ने से फिल्मों को अच्छे दर्शक मिलने लगेंगे. एल्सा ने बताया कि इस साल टीना टप्पर के अलावा उनकी खुद की निर्देशित फिल्म भी आने वाली है। इस अवसर पर प्रेस क्लब अध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर, कोषाध्यक्ष रमन हलवाई, संयुक्त सचिव अरविंद सोनवानी, कार्यकारिणी सदस्य किशन लोखंडे, नदीम मेमन समेत बड़ी संख्या में पत्रकार मौजूद रहे.
छत्तीसगढ़ी सिनेमा को आगे बढ़ाना सामूहिक जिम्मेदारी: प्रफुल्ल ठाकुर
प्रेस क्लब अध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर ने कहा कि जब तक हम अपने ही लोगों का सम्मान नहीं करेंगे तो दूसरों से कैसे उम्मीद करेंगे। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी फिल्म के कलाकारों को आमंत्रित करने का मकसद भी यही था कि उन्हें वैसी ही प्राथमिकता दी जाए जैसे हम हिंदी फिल्म वालों को देते हैं। छत्तीसगढ़ी सिनेमा को आगे बढ़ाना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है, हम हमेशा उनका समर्थन करेंगे।

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