कुलभूषण जाधव मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) के फैसले का स्वागत — डॉ रमन सिंह

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रायपुर — भारतीय जनता पार्टी ने पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से जुड़े मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) के फैसले का स्वागत किया है। पार्टी ने लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद की गिरफ्तारी को आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृष्टिकोण की वैश्विक जीत बताया है।
भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाक की सैन्य अदालत द्वारा दी गई मौत की सजा पर रोक लगाकर आईसीजे ने न्याय के सिध्दांत की रक्षा की है और वैश्विक स्तर पर मानवता का संदेश दिया है। आईसीजे ने पाक को विएना संधि के उल्लंघन पर फटकार लगाते हुए यह रेखांकित किया है कि पाक के हुक्मरान और सैन्य अधिकारी भारतीय नागरिकों के प्रति अमानवीय और क्रूर फैसले लेकर अब मनमानी नहीं कर सकेंगे। डॉ. सिंह ने कहा कि यूपीए के शासनकाल में जासूसी के झूठे आरोप में बंद सरबजीत की रिहाई के मामले में तत्कालीन केन्द्र सरकार ने पाक पर न तो खुद सख्त रवैया दिखाया और न ही विश्व जनमत को पाक के खिलाफ जागृत करने की राजनीतिक इच्छाशक्ति का परिचय दिया, नतीजतन हमें सरबजीत को खोना पड़ा। लेकिन, आतंकवाद को पनाह देने वाले पाक के इस अमानवीय व क्रूर फैसले के मद्देनजर मौजूदा केन्द्र सरकार ने कुलभूषण जाधव के मामले में कारगर दबाव बनाया और विश्व जनमत को अपने पक्ष में करके कूटनीतिक सफलता अर्जित की है। आईसीजे के फैसले में चीन का वोट भी भारत के पक्ष में पड़ना इसी की पुष्टि करता है।
भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि इसी प्रकार कुख्यात आतंकी सरगना हाफिज सईद की गिरफ्तारी भी आतंकवाद के खिलाफ भारत के संघर्ष की राह में मील का पत्थर है। यह गिरफ्तारी भारत सरकार की आतंकवाद के विरुध्द संघर्ष की प्रतिबध्दता और दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति का परिचायक है। उन्होंने कहा कि आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ भारत सरकार के निर्णायक संघर्ष को परिणाम तक पहुंचाने और मुम्बई के आतंकी हमले में शहीद हुए लोगों को न्याय दिलाने की दिशा में हाफिज सईद की गिरफ्तारी सहायक सिध्द होगी। भारत में जो कांग्रेस नेता हाफिज सईद की खुशामद तक करने का निर्लज्ज आचरण पेश कर चुके हैं, उन्हें भारत सरकार के निर्णायक संघर्ष की कदम-दर-कदम सफलता को उदरता से स्वीकारना और उससे सीख लेना चाहिए।

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