छत्तीसगढ़ के गणेश हाथी के मामले में कोर्ट ने लिया संज्ञान ….विभाग से मांगा जवाब
गणेश हाथी दीवार तोड़कर भागा
रायपुर — (बिलासपुर) जुलाई छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में आज गणेश हाथी को लेकर याचिका दायर की गई. याचिकाकर्ता की तरफ से बताया गया कि गणेश नामक हाथी को 23 जुलाई को पकड़ा गया था जो कि कल 24 जुलाई की देर रात को चेन तोड़ के चला गया है उसके पांव में चेन बंधी होने के कारण तकलीफ में है. इस पर माननीय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की माननीय मुख्य न्यायाधीश तथा न्यायमूर्ति पी पी साहू साहू की युगल पीठ ने आदेशित किया कि वन विभाग जवाब प्रस्तुत करें ।
याचिकाकर्ता रायपुर निवासी नितिन सिंघवी ने याचिका क्रमांक WPPIL/49/2019 में प्रार्थना की है कि छत्तीसगढ़ के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) ने गणेश हाथी को पकड़कर छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के रमकोला के तमोर स्थित एलीफेंट रेस्क्यू और रिहैबिलिटेशन सेंटर में रखने का आदेश दिया है, जबकि हाथी रवास क्षेत्र वाले वन में उसके पुनर्वास का पहले प्रयत्न किया जाना वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 के अनुसार अनिवार्य है. यह प्रयत्न वन विभाग द्वारा ना करके सीधे गणेश को बंधक बनाने को कानून का उल्लंघन बताया।
याचिकाकर्ता की तरफ से माननीय न्यायालय को बताया गया की सूरजपुर जिले के तमोर स्थित एलीफेंट रेस्क्यू रीहैबिलिटेशन सेंटर अवैध रूप से संचालित किया जा रहा है इसे केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण से संचालन की अनुमति प्राप्त नहीं है जबकि वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम के अनुसार किसी भी रेस्क्यू सेंटर के संचालन के पूर्व सेंट्रल जू अथॉरिटी की अनुमति आवश्यक होती है।
याचिकाकर्ता ने याचिका में बताया है कि छत्तीसगढ़ वन विभाग द्वारा पूर्व में भी सोनू नामक हाथी को बंधक बनाकर रखा गया जिसे माननीय न्यायालय ने वन में पुनर्वास करने के आदेश देने के बावजूद भी पिछले 4 वर्षों में उसे पुनर्वासी करने के लिए वन विभाग ने कोई प्रयत्न नहीं किया है. प्रकरण में वन विभाग को 2 सप्ताह के अंतर जवाब देने के लिए आदेशित किया गया है ।
इस पूरे मामले में कस्तूरी बलाल संचालिका पीपल फ़ॉर एनिमल्स, रायपुर एनिमल वेलफेयर ऑफिसर का कहना है कि …..
गणेश हाथी जंजीरो के साथ विश्राम गृह के दीवाल तोड़कर जंगलो की ओर भाग निकला है।कल ही पीपल फार ऐनीमल (मेनका गांधी की संस्था) रायपुर इकाई की संचालिका कस्तुरी बलाल ने कोरबा में बेहोश कर पकड़े गये गणेश नामक हाथी का जीवन बर्बाद करने के षड़यंत्र को रचने का आरोप वन विभाग पर लगाया था। बलाल ने बताया कि गणेश को पकड़कर पिंगला स्थित हाथी रेस्क्यू सेंटर में रखने के आदेश प्रधान मुख्य वन संरक्षक अतुल कुमार शुक्ला द्वारा जारी करने उपरांत गणेश हाथी को गैरकानूनी रूप से आजीवन बन्धक रखने की बजाय कानून के प्रावधानों के अनुसार तत्काल ही दूसरे हाथी रहवास के वन क्षेत्र में छोड़ने की मांग संस्था प्रमुख मेनका गांधी ने की थी। परंतु वन विभाग ने वन्यजीव प्रेमियों की मांग को काटने के लिये ग्रामीण जनता की आवाज उठवा कर अपनी जिद पूरी करने का षड़यंत्र रचा।
बलाल ने बताया कि मीडिया और जनता को धोखा देने के लिये, गणेश को बेहोशी का इंजेक्शन लगाने उपरांत “रेडियों कालर” लगाकर ट्रक में चढ़ाकर मीड़िया और जनता को यह कहकर दिखाया गया कि गणेश को ऐलीफेंट रिजर्व के जंगल में छोड़े जाने के लिये रवाना किया जा रहा है। जिसके लिए उन्हें कोरबा के विश्राम गृह में रखा गया था।