जाति प्रमाण-पत्र बनाने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाएगा — भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति की बैठक…..
पांच सदस्यीय समिति गठित….
समिति झारखंड और ओड़िशा का भ्रमण कर जाति प्रमाण-पत्र बनाने की प्रक्रिया का करेगी अध्ययन…..
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति की बैठक…..
फर्जी प्रमाण-पत्र धारकों के विरूद्ध कार्रवाई में तेजी लाने के निर्देश……
लोक अभियोजकों के कार्यो की समीक्षा करने के निर्देश……
रायपुर — छत्तीसगढ़ में जाति प्रमाण-पत्र बनाने की प्रक्रिया के सरलीकरण के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। यह समिति विभिन्न राज्यों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के लोगों के जाति प्रमाण-पत्र बनाने की प्रक्रिया का अध्ययन करेगी और झारखंड, ओड़िशा राज्यों का दौरा कर वहां जाति प्रमाण-पत्र बनाने की प्रक्रिया देखेगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित राज्य स्तरीय सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम) के तहत दर्ज प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा की गई। पूर्व मंत्री और विधायक श्री रामपुकार सिंह जाति प्रमाण-पत्र बनाने की प्रक्रिया के सरलीकरण के लिए गठित समिति के अध्यक्ष होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समिति जब राज्यों के दौरे पर जाए तो वहां सरकार के अधिकारियों के साथ समुदाय के लोगों से भी चर्चा करें। उन्होंने समिति को तीन माह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने गलत जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर जो लोग शासकीय सेवा में कार्यरत हैं उनके प्रमाण-पत्रों की जांच के कार्यो में तेजी लायी जाए और दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाए। उन्होंने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम) के तहत दर्ज प्रकरणों का शीघ्र निराकरण करने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन प्रकरणों में न्यायालय से स्थगन मिला है उनमें स्टे वेकेट कराने के प्रयास किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के लंबित प्रकरणों में दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि का भुगतान जल्द किया जाए। उन्होंने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम) के तहत न्यायालयों मे पैरवीकर्ता लोक अभियोजकों के कार्यो की समीक्षा करने के निर्देश विधि विभाग के प्रमुख सचिव को दिए।
बैठक में आदिम जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह, गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत सिंह भगत, मुख्य सचिव श्री सुनील कुजूर, पुलिस महानिदेशक श्री डी.एम. अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री गौरव द्विवेदी, आदिम जाति विकास विभाग के सचिव श्री डी.डी. सिंह, गृह विभाग के सचिव श्री अरूण देव गौतम भी उपस्थित थे।
बैठक में राज्य स्तरीय सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति के सदस्य विधायक सर्वश्री गुलाब कमरो, बृहस्पति सिंह, चिंतामणि महराज, डॉ. प्रीतमराम, यू.डी.मिंज, रामपुकार सिंह, चक्रधर सिंह, श्रीमती उत्तरी गणपत जांगड़े, ननकीराम कंवर, पुरूषोत्तम कंवर, मोहितराम, पुन्नूलाल मोहले, किस्मत लाल नंद, चंद्रदेव प्रसाद राय, गुरूदयाल सिंह बंजारे, भुवनेश्वर शोभाराम बघेल, अनूप नाग, मनोज सिंह मंडावी और विक्रम मंडावी उपस्थित थे।