अनियमित बारिश– राज्य के 17 जिलों में औसत का ग्राफ भी पूरा नहीं
जुलाई माह गुजरने को है अब तक केवल 9 जिलों में औसत बारिश
तेजी से फैल रहा कंक्रीट का जंगल, प्रकृति ने बजाई खतरे की घंटी
रायपुर — राज्य में हो रही अनियमित बारिश के चलते अभी भी 17 जिलों मेंं बारिश का आंकड़ा औसत ग्राफ तक नहीं पहुंच सका है। वहीं प्रदेश के केवल 9 जिलों में ही औसत बारिश का ग्राफ पूरा हो सका है। यह एक बड़ी चिंता की बात है, कि अब जुलाई माह समाप्त होने को है। यदि एक सप्ताह के अंदर इन 17 जिलों में पर्याप्त बारिश नहीं हुई तो निश्चित तौर पर यहां खेती-किसानी का काम पिछड़ जाएगा और इसका खामियाजा कृषक वर्ग के साथ ही आम आदमी को भी उठाना पड़ेगा।
मौसम विभाग से प्राप्त आंकड़ों पर नजर डालें तो इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मानसून की स्थिति अच्छी प्रतीत नहीं होती। इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मानसून अपने तय समय से काफी विलंब से पहुंचा। मौसम विभाग ने इस वर्ष बारिश सामान्य रहने का पूर्वानुमान जारी किया था। लेकिन बारिश की स्थिति देखते हुए अब यह कहा जाए कि इस वर्ष मानसून पूरी तरह से कमजोर है तो गलत नहीं होगा। राज्य में जुलाई माह में सबसे अधिक बारिश होती है, हालांकि अगस्त में भी राज्य में अच्छी बारिश होती है, लेकिन जिस तरह से वर्तमान में राज्य के अंदर अनियमित बारिश हो रही है, इससे आने वाले दिनों में अच्छी बारिश की उम्मीद काफी कम है।
इन जिलों में औसत से कम बारिश :
मौसम विभाग से जारी आंकड़ों पर नजर डालें तो अब तक बालोद, बलौदाबाजार, बलरामपुर, बेमेतरा, बिलासपुर, दुर्ग, जांजगीर, जशपुर, कबीरधाम, कांकेर, कोरबा, कोरिया, मुंगेली, रायगढ़, रायपुर, राजनांदगांव तथा सरगुजा जिले में औसत से कम बारिश हुई है। जबकि अब जुलाई माह समाप्त होने को है। ऐसे समय में यह उम्मीद भी नहीं किया सकता है कि आने वाले दिनों में इन जिलों में अच्छी बारिश होगी यह कोरी कल्पना होगी। हालांकि मौसम के बदलने में ज्यादा समय नहीं लगता, लेकिन मौजूदा परिस्थितियों के मद्देनजर यह कहा जाए कि इस वर्ष इन जिलों में बारिश का आंकड़ा काफी कम रहेगा तो वर्तमान समय में यह गलत भी नहीं होगा।
प्रकृति दे रही चेतावनी….
राज्य में अब तक हुई बारिश से केवल बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, धमतरी, गरियाबंद, महासमुंद, नारायणपुर, सुकमा और सूरजपुर जिले में ही औसत बारिश का ग्राफ पूरा हो सका है। इन जिलों में नजर डालें तो यह समझते भी देर नहीं लगती है कि औसत बारिश का ग्राफ पूरा करने वाले जिले वनाच्छादित हैं और बस्तर इलाके के जिलों में ही पर्याप्त बारिश हो सकी है। यह एक संकेत है कि शासन-प्रशासन के साथ ही आमजनों को अब पर्यावरण और हरियाली के संरक्षण के प्रति तत्काल सजग होना होगा, वरना आने वाले दिनों में स्थिति बद से बद्दतर होती जाएगी। राजधानी रायपुर में बारिश का आंकड़ा भी चौंकाने वाला है, राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के अन्य शहरों में जिस तरह से खेती-किसानी का काम चौपट हो रहा है और जिस तेजी से हरियाली की जगह कंक्रीट का जंगल बिछ रहा है यह आने वाले गंभीर संकट की ओर इशारा कर रहा है।
30 से 57 प्रतिशत तक कम बारिश…….
मौसम विभाग से जारी आंकड़ों पर नजर डालें तो यह समझते देर नहीं लगेगी कि स्थिति अब कितनी भयावह हो चुकी है। अधिकांश जिलों में बारिश का ग्राफ 30 से 57 प्रतिशत तक गिर चुका है। वर्तमान में जिन जिलों में औसत बारिश में गिरावट दर्ज की गई है। इनमें बालोद में 34 प्रतिशत, बलौदाबाजार में 41 प्रतिशत, बलरामपुर में 26 प्रतिशत, बेमेतरा में 50 प्रतिशत, बिलासपुर में 24 प्रतिशत, दुर्ग में 40 प्रतिशत, जांजगीर में 35 प्रतिशत, जशपुर में 50 प्रतिशत, कबीरधाम में 31 प्रतिशत, कांकेर में 25 प्रतिशत, कोरबा में 45 प्रतिशत, कोरिया में 31 प्रतिशत, मुंगेली में 41 प्रतिशत, रायगढ़ में 40 प्रतिशत, रायपुर में 46 प्रतिशत, राजनांदगांव में 40 प्रतिशत, सरगुजा में सर्वाधिक 57 प्रतिशत कम बारिश हुई है। यह वर्तमान में 27 जुलाई तक के आंकड़े हैं, इन आंकड़ों में परिवर्तन संभव है।