शाला के विद्यार्थी अब वॉलिंटियर्स (स्वयंसेवी) बनकर नशा करने वालों के खिलाफ एकजुट स्कूल के बच्चे वॉलिंटियर बनकर परिसर में होने वाले तंबाकू सेवन एवं अन्य नशे को रोकने में करेंगे मदद
महासमुद के विद्यालयों में यलो लाइन कैंपेन की शुरुआत
महासमुद — नई पीढ़ी को नशे की आदत से बचाने के लिए राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत अब विद्यालय के छात्र छात्राओं को भी शामिल किया जा रहा है ।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आरके परदल के निर्देशन एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक संदीप ताम्रकार के मार्गदर्शन में गवर्नमेंट हाई स्कूल उमरदामें तंबाकू नशा मुक्ति जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसका उद्देश्य युवा पीढ़ी में बढ़ते तंबाकू के सेवन के खिलाफ जागरूक करना था।
इस जागरूकता कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता असीम श्रीवास्तव ने अपनी बात रखते हुए कहा तंबाकू को एक धीमा जहर भी कहा जाता है जिसके खाने की लत लग जाए तो छोड़ना मुश्किल होता है। इसके सेवन से व्यक्ति धीरे-धीरे कैंसर जैसी बीमारियों की चपेट में आकर मौत के मुंह में समा जाता है। उन्होंने कहा 25प्रतिशत विद्यार्थियों में तंबाकू की वजह से कैंसर होने के आंकड़े हैं । ऐसी गलत लत से हर छात्र छात्रा को बचना चाहिए ।
यह वालंटियर्स विद्यालय परिसर में और आस-पास तम्बाकू सेवन और अन्य नशे को रोकने में मद्दद करेंगें और तम्बाकू के दुष्प्रभावों के बारे में लोगों को जागरूक करेगें।
इस अवसर पर निबंध लेखन और स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया।इस प्रतियोगिता में प्रथम आई छात्राओं तनु सांवरा और नंदिनी यादव को पुरस्कृत भी किया गया ।
श्री असीम श्रीवास्तव ने बताया विद्यालय के 100 गज के दायरे में तंबाकू उत्पाद के बिक्री केंद्रों को हटाना है और जो लोग इस तरह का नशा कर रहे उनको इससे दूर भी करना है। इस अवसर पर शाला के 90 विद्यार्थियों सहित शिक्षकों ने भाग लिया । जागरूकता दल में योग प्रशिक्षक श्री देव सेना व स्टाफ नर्स कुमारी जागृति साहू का विशेष योगदान रहा ।
इस तरह के कार्यक्रम अन्य विद्यालयों में भी आयोजित किये जायेंगें।
ग्लोबल एडल्ट टोबाको सर्वे –2016-17 के अनुसार, छत्तीसगढ़में 39.1 प्रतिशत लोग किसी प्रकार के तम्बाकू का सेवन करते हैं। यह देश की औसत 28.4 % से अधिकहै ।इनमें से 7.3%तम्बाकूका सेवन करने वालों ने 15 वर्ष की उम्र से पहले सेवन शुरू किया था,29% ने15-17 वर्ष की उम्र से और 35.4% ने 18-19 वर्ष में सेवन शुरू किया था यानि औसतन 18.5 वर्ष की आयु में तम्बाकू का सेवन शुरू किया गया था।