भूपेश सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में संवैधानिक मूल्यों की हत्या — कौशिक

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रायपुर —  छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि कल कांग्रेस की भूपेश सरकार द्वारा एक बार फिर संविधान की हत्या करते हुये छत्तीसगढ़ राज्य सहकारिता आयुक्त के पद से श्री गणेश शंकर मिश्रा को हटाया, इस प्रकार कांग्रेस सरकार द्वारा प्रदेश में लगातार संविधान के विरूद्ध जाकर कार्यवाही करने का सिलसिला
चालू है जिससे देश के लोकतंत्र को गहरा आघात हुआ है। चूंकि श्री मिश्रा ने केन्द्रीय सहकारी बैंक रायपुर, बिलासपुर एवं प्रदेश में अन्य सहकारिता चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ की थी जो सरकार के मंशा के अनुरूप नहीं था, इस कारण श्री मिश्रा को हटाने के लिये सरकार ने नियम में षड्यंत्र कर गोपनीय तरीके से परिवर्तन करने का रास्ता उचित समझा और छत्तीसगढ़ राज्य सहकारिता नियम में संशोधन कर आयुक्त की पदावधि का पांच वर्ष के स्थान पर दो वर्ष किया गया, इससे भी श्री मिश्रा को हटाने का रास्ता प्रशस्त नहीं हुआ तो सरकार ने ’’राज्य सरकार की मंशा’’ का नियम बताकर उन्हें पद से हटा दिया। यह अपनी तरह का एक नया उदाहरण है जिसके तहत किसी चुनाव कराने वाली संस्था को इस तरह से राज्य सरकार द्वारा प्रभावित किया गया।
नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि प्रदेश की भूपेश सरकार द्वारा संवैधानिक मूल्यों को ताक में रखकर लोकतंत्र की हत्या करने का प्रयास किया जा रहा है, पूर्व में इसी तरह प्रदेश के एडवोकेट जनरल श्री कनक तिवारी को हटाकर भूपेश सरकार ने संवैधानिक संकट उत्पन्न किया था। साथ ही सरकार द्वारा अपने असंतुष्ट विधायकों को सहकारी समितियों में पद देने हेतु षड्यंत्र पूर्वक पीछे के दरवाजे से नियुक्ति करने का प्रयास किया जा रहा है, इस बात का प्रमाण इससे भी लगाया जा सकता है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने जिन 38 पदों को लाभ के पद के दायरे से हटाने की तैयारी किया है उनमें सहकारी समितियों के अध्यक्ष के पद भी है। साथ ही भूपेश सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के ब्राम्हणों को भी लगातार प्रताड़ित करने का सिलसिला चालू है, हम सरकार के इस कदम की घोर निंदा करते हैं और संविधान को बचाने के लिये हम राष्ट्रपति से इस संबंध में गुहार लगायेंगे।

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