वोरा ने राज्य सभा में उठाया इसरो वैज्ञानिकों की वेतन में कटौती का मामला

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मोदी सरकार के निर्णय पर पुनर्विचार करने और वैज्ञानिकों की वेतन कटौती वापस लेने की मांग

रायपुर — आज दिनांक 30 जुलाई 2019 को राज्यसभा में शून्यकाल में बोलते हुये मोतीलाल वोरा सांसद ने इसरो वैज्ञानिकों के वेतन में कटौती के मामले को उठाते हुए कहा कि चन्द्रयान-2 की सफलता पर संपूर्ण देश इसरो वैज्ञानिकों को बधाई दे रहा है। किन्तु सरकार ने उन्हें वेतन कटौती का उपहार देकर चकित कर दिया है।
वर्ष 1996 में इसरो वैज्ञानिकों के लिये दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि की अनुमति राष्ट्रपति ने दी थी, ताकि इसरो वैज्ञानिको को प्रोत्साहन मिले। अंतरिक्ष विभाग ने अतिरिक्त वेतन वृद्धि को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 1996 में लागू किया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया था कि इस वेतन वृद्धि को स्पष्ट तौर पर तनख्वाह माना जाए। छठे वेतन आयोग में भी इस वेतन वृद्धि को जारी रखने की सिफारिश की गई थी। वेतन में कटौती के केन्द्र सरकार के निर्णय से 16 हजार वैज्ञानिकों प्रभावित होंगे।
इसरो वैज्ञानिको के संगठन एसईए ने इस संबंध में इसरो प्रमुख को लिखे पत्र में मांग की है वे वेतन में कटौती करने वाले केन्द्र सरकार के आदेश को रद्द करने में मदद करें। सरकार के इस निर्णय से वैज्ञानिक निश्चित रूप से हतोत्साहित होंगे।
अंत में वोरा ने कहा कि मेरा सरकार से अनुरोध है कि वह अपने निर्णय पर पुनर्विचार करें और वैज्ञानिको की वेतन कटौती के आदेश को वापस लें।

 

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