संविधान और लोकतंत्र की हत्या करने वाले कौन से नैतिकता से संविधान की दुहाई दे रहे – सुशील आनंद
कांग्रेस जात-पात धर्म संप्रदाय के आधार पर निर्णय नहीं करती
रेडियस वाटर घोटाले के आरोपी का बचाव कर धरमलाल कौशिक भ्रष्टाचार का पोषण कर रहे
रायपुर — नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक द्वारा राज्य सरकार के द्वारा सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया के तहत हटाये गए कुछ अधिकारियों के हटाये जाने को संवैधानिक संकट और ब्राह्मण जाति से जोड़ने की प्रदेश कांग्रेस के मुख्यप्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कड़ी निंदा की है। कांग्रेस पार्टी ने देश के लोकतंत्र और संविधानिक मूल्यों को बचाने के लिये आजादी के बाद से संघर्ष किया, इसलिये कांग्रेस की सरकार के द्वारा संविधान के खिलाफ काम किये जाने का तो सवाल ही नहीं उठता। जिस भारतीय जनता पार्टी के राज में लगातार संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों की लगातार हत्या की जाती रही है वह कौन से नैतिकता से संविधान की दुहाई दे रही है। रमन राज में लगातार संविधान का मखौल उड़ाया जाता था। बस्तर में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को नष्ट कर लोगों को संवैधानिक अधिकारों का 15 सालो तक हनन किया जाता रहा। केन्द्र की भाजपा सरकार देश की संवैधानिक संस्थाओं को नष्ट करने पर तुली हुई है। कर्नाटक, गोवा, मणीपुर में भाजपा ने संविधान और लोकतंत्र को समाप्त करने का काम किया है। उच्चन्यायालय, चुनाव आयोग, संसद, सीएजी सभी की स्वात्यता पर प्रहार करने की कोशिशें लगातार भाजपा की केन्द्र सरकार कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस के मुख्यप्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रेडियस वाटर घोटाले के आरोपी अधिकारी के बचाव में संविधान की दुहाई देकर धरमलाल कौशिक और भाजपा अपने भ्रष्टाचार के पोषक वाले चरित्र को उजागर कर रहे है। प्रशासनिक प्रक्रिया और जरूरतों के आधार पर किये गए निर्णयों को जाति विशेष से जोड़ने की कुचेष्टा कर भारतीय जनता पार्टी स्तरहीन राजनीति कर रही है। धरमलाल कौशिक के दिमाग का कचरा ऐसे निम्नस्तरीय बयानों से निकल रहा है। जाति धर्म और सम्प्रदाय के आधार पर निर्णय नही लेना कांग्रेस की संस्कृति नही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए और मुख्यमंत्री बनने के बाद भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस की इसी रीति नीति के अनुरूप सभी वर्ग जाति के लोगो को अनुपातिक प्रतिनिधित्व और अवसर देते रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस के मुख्यप्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा और धरमलाल कौशिक ब्राह्मणों की हितैषी बनने का ढोंग रच कर घड़ियाली आंसू बहाना बंद करे। भारतीय जनता पार्टी के पन्द्रह वर्षो में ब्राह्मणों की कितनी उपेक्षा हुई थी यह किसी से छिपा नही है। रमन राज में चुन-चुन कर ब्राह्मण नेताओं को दरकिनार करने की साजिशें रची जाती थी। विधानसभा के चुनावों में भी भाजपा ब्राह्मणों की उपेक्षा करती थी। अपेक्षाकृत ब्राह्मण समुदाय के लोगो को भाजपा का नेतृत्व टिकिट नही देता है। रमन राज में जब ब्राह्मणों के खिलाफ राजनैतिक साजिशें रची जाती थी तब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहते धरमलाल कौशिक ने आवाज क्यों नही उठाई? छत्तीसगढ़ ही नही पूरे देश मे भरतीय जनता पार्टी द्वरा ब्राह्मण नेतृत्व को कुचलने की साजिशें रची जाती है ।