राष्ट्रीय कृमिमुक्ति दिवस 8 अगस्त को एक करोड़ 12 लाख बच्चों को कृमिनाशक दवा खिलाने का लक्ष्य आंगनबाड़ियों, स्कूलों,महाविद्यालयों में चलाया जाएगा कृमिनाशक अभियान
रायपुर — प्रदेश में बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण में सुधार के लिए राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 8 अगस्त के अवसर सभी आंगनबाड़ियों, स्कूलों और महाविद्यालयों में 1 से 19 वर्ष तक के बालक-बालिकाओं को कृमिनाशक दवा खिलाई जाएगी। इनमें बाल गृहों और बाल संरक्षण गृहों के बच्चों को भी शामिल किया जाएगा। अभियान में प्रदेश के लगभग एक करोड़ 12 लाख 60 हजार से अधिक बच्चों को कृमिनाशक गोली ‘एल्बेंडाजाॅल‘ खिलाने का लक्ष्य रखा गया है।
कृमि मुक्ति अभियान का क्रियान्वयन महिला एवं बाल विकास विभाग ,स्वास्थ्य विभाग और तकनीकी शिक्षा विभाग के संयुक्त समन्वय से किया जाएगा। बच्चों में कृमि के प्रभाव को दूर करने के लिए स्कूलों में 6-19 साल के सभी नामांकित बच्चों को शिक्षकों द्वारा दवाई खिलाई जाएगी। आंगनवाड़ी में 1-5 साल के सभी पंजीकृत बच्चों और 1-19 साल के गैर-पंजीकृत, स्कूल ना जाने वाले बच्चों को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा दवाई खिलाई जाएगी। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर दवाई खाने से छूटे हुए बच्चों को माॅप-अप दिवस 16 अगस्त को दवाई खिलाई जाएगी।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि कृमि संक्रमण बच्चों को कई प्रकार से हानि पहुंचाता हैै। कृमि मनुष्यों के ऊतकों से भोजन लेते हैं, जिससे बच्चों में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। कुपोषण से बौद्धिक और शारीरिक विकास पर खास असर पड़ता है। खून की कमी से एनीमिया हो सकता है। बच्चों में स्वास्थ्यगत परेशानियों से स्कूलों में उपस्थिति भी प्रभावित होती है। कृमिनाशक दवा एल्बेंडाजाॅल बच्चों व वयस्कों, दोनों के लिए एक सुरक्षित दवाई है। अधिक कृमि संक्रमण वाले बच्चों में बच्चों में दवा के कुछ मामूली प्रभाव जैसे जी मिचलाना,उल्टी दस्त,पेट में हल्का दर्द और थकान की सम्भावना हो सकती है। जिन्हें आसानी से आंगनबाड़ी और स्कूलों में सम्हाला जा सकता है।