केन्द्रीय वित्त आयोग के निर्देशों पर पेट्रोलियम पदार्थो की छूट वापस लेनी पड़ी – कांग्रेस
वित्तीय मामलों में राज्य सरकार पर वित्त आयोग के निर्देश बंधनकारी
भाजपा की संवेदनशीलता पेट्रोलियम पदार्थो की कीमत मोदी सरकार द्वारा बढ़ाने पर सोई रहती है?
रायपुर — पेट्रोलियम पदार्थो में वेट में दी गयी छूट वापस लेने पर भाजपा के द्वारा की जा रही स्तरहीन राजनीति की कड़ी निंदा करते हुये प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि केन्द्रीय वित्त आयोग के निर्देशों पर राज्य सरकार को पेट्रोलियम पदार्थो के दामों पर छूट वापस लेनी पड़ी है। भाजपा की संवेदनशीलता पेट्रोलियम पदार्थो की कीमत मोदी सरकार द्वारा बढ़ाने पर सोई रहती है?
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पूछा है कि भाजपा बतायें कि क्या मोदी सरकार केंद्रीय एक्ससाइज़ व कस्टमड्यूटी वापिस लेने का साहस दिखाएगी, जिससे पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें रु. 10-15 रुपये कम होगी। जब केन्द्रीय बजट में मोदी सरकार ने इससे अधिक की वृद्धि की थी तब भाजपा के संवेदनशीलता कहां सोयी पड़ी थी। मोदी सरकार में तो कच्चे तेल क्रूड आइल के दाम कम होने के बाद पेट्रोलियम पदार्थों के दाम बढ़ाये गये थे। पेट्रोल पर एक्ससाइज़ 211 प्रतिशत बढ़ाई व डीज़ल पर 433 प्रतिशत। मई 2014 से आज तक, मोदी सरकार ने ’केंद्रीय एक्ससाइज़ ड्यूटी’ 12 बार बढ़ाई। इसके अलावा ’कस्टमड्यूटी’ बढ़ा कर मोदी सरकार ने जनता से वसूली अलग से की। इस प्रकार पेट्रोल व डीज़ल पर भारी भरकम टैक्स लगा जनता की जेब से 52 महीनों में रु. 11 लाख करोड़ लुटे गए। कांग्रेस की सरकार ने तो मात्र वेट की छूट वापस की है। वह भी केन्द्रीय वित्त आयोग के निर्देश पर पेट्रोलियम पदार्थो की छूट वापस लेनी पड़ी। वित्तीय मामलों में राज्य सरकार पर वित्त आयोग के निर्देश बंधनकारी।