प्रदेश की जनता भूपेश जी को जवाब देगी — विक्रम उसेंडी
रायपुर — भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने कश्मीर से धारा 370 और 35-ए को हटाने के मुद्दे पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर फिर निशाना साधा है। श्री उसेंडी ने कहा कि गोलमोल बातें करके मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर उनकी ही सरकार के एक मंत्री के नजरिए से किनारा करने की सियासी चतुराई दिखाने की नाकाम कोशिश की है जबकि कांग्रेस के कई नेताओं ने भी इस मामले में केन्द्र सरकार के फैसले का समर्थन किया है ।
धारा 370 और 35-ए को हटाने से पूर्व सबको विश्वास में लेने के मुख्यमंत्री के कथन पर श्री उसेंडी ने जानना चाहा कि इस मुद्दे पर किसे विश्वास में लेने की वकालत बघेल कर रहे हैं? दरअसल इस पूरे मुद्दे पर कांग्रेस के सारे नेता न केवल खुद भ्रमित हैं, अपितु वे देश को भी भ्रमित करने काम 70 सालों से करते आ रहे थे। लेकिन मुख्यमंत्री बघेल अब साफ-साफ समझ लें कि कांग्रेस का भ्रमजाल कट गया है। कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीररंजन ने कश्मीर मुद्दे को भारत का आंतरिक मामला नहीं मानकर खुद जाहिर कर दिया कि कांग्रेस इस मुद्दे पर कितना घातक और शर्मनाक राजनीतिक पाखंड करती रही है। अब मुख्यमंत्री बघेल क्या महबूबा मुफ्ती और अब्दुल्ला खानदान को विश्वास में लेने की वकालत कर रहे हैं जिन्होंने खुलेआम पाकिस्तान की भाषा बोलकर धमकी दी कि अगर 370 और 35-ए को छेड़ा तो यह बारूद से खेलने जैसा होगा और कश्मीर में कोई तिरंगा उठाने वाला नहीं मिलेगा। क्या मुख्यमंत्री बघेल अपने नेता गुलाम नबी आजाद का स्यापा नहीं सुन रहे हैं? जितना स्यापा पाक में सुना जा रहा है उससे कहीं ज्यादा स्यापा गुलाम नबी आजाद यह कहकर मचा रहे हैं कि 370 हटाना और जम्मू-कश्मीर राज्य का पुनर्गठन करना भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन है। बघेल यह स्पष्ट करें कि वे इस मुद्दे पर किन्हें विश्वास में लेने की बात कह रहे हैं?
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री उसेंडी ने कहा कि कश्मीर से धारा 370 और 35-ए को हटाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वर्षों पुरानी उस राजनीतिक भूल को दुरुस्त किया है, जो आजादी के बाद कांग्रेस के तत्कालीन राजनीतिक नेतृत्व ने की थी। अब जम्मू-कश्मीर व लद्दाख शोषण, उपेक्षा, अशिक्षा, बेरोजगारी और पिछड़ेपन की त्रासदी से मुक्त होंगे। श्री उसेंडी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को नसीहत दी कि ‘इधर-उधर की बात न कर, यह बता कि काफिला लुटा क्यों? मुझे रहजनों से गिला नहीं, पर तेरी रहबरी का सवाल है।’ उन्होंने कहा कि धारा 370 और 35-ए हटाने का विरोध करने का खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ेगा। छत्तीसगढ़ की जनता भी भूपेश जी को उनके इस विरोध के लिए माकूल जवाब देगी।