भ्र्ष्ट अधिकारी अब पंहुचे मुख्यमंत्री के द्वार …

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रायपुर — पिछले 15 सालो में भ्रष्टाचार का एक लंबा खेल चला, यह खेल कुछ इस तरह से चला कि हर 5 साल के बाद भ्रष्टाचार करने के नए-नए तरीकों का आविष्कार कर नए रास्ते निकाले गए ।मानो भ्रष्टाचार करने के लिए अधिकारियों को पिछली सरकार में सय मिला हो । पिछले 15 सालों में भ्रष्टाचार में लिप्त इन अधिकारियों को भ्रष्टाचार को लेकर किसी प्रकार का भय ही नहीं था, इसका कारण था कि ऊपर से यानी सरकार के द्वारा भ्रष्टाचार को लेकर कार्रवाई नहीं करना और भ्रष्टाचार के लिए प्रोत्साहित करना ,नतीजा यह हुआ की प्रदेश में विकास के नाम पर सिंचाई के लिए तमाम तरह के सिंचाई की योजनाएं बनाई गई उन पर ₹1 का खर्च किया गया लेकिन यह योजनाएं कुछ इस तरह की थी किए सिर्फ कागजों पर ही बेहतरीन नजर आती थी इसके अलावा वास्तविकता में निर्माण कार्यों में धांधली की गई ।नतीजा यह हुआ कि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ बताए गए निर्माण कार्य या तो निर्माण के दौरान ही टूट गए या फिर एक 2 साल के बाद भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए । जिन पैसों से विकास कार्य करने थे डैम बनाना था सिंचाई परियोजना का संचालन किया जाना था उन पैसों का स्वागत द्वार बनवाया गया उन पैसों से सिर्फ कार्यालय और अपने घरों में ऐसी लगवाए। जमीनी हकीकत यह है लेकिन कागजों में पूरे पैसे का उपयोग कर लिया गया है योजनाओं को दुरुपयोग किया गया है और विकास कार्यों के मत के पैसों का उपयोग अपने सुख संसाधन और पिछले सरकारों में काबिज राजनेताओं को खुश करने में किया गया।

कांग्रेस की सरकार आने के बाद जो खास काम किया गया है वह यह है कि जल संसाधन विभाग में भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों की पहचान कर उनका स्थानांतरण किया गया उनकी जगह दूसरे अधिकारियों को लाया गया जो अपने काम के लिए जाने जाते हैं एक अच्छे अधिकारियों की बड़ी जमात जो 15 सालों से हाशिए पर रख दिए गए थे , उन्हें फिर से नई जिम्मेदारी के साथ प्रदेश के विकास में नई गाथा लिखने की जिम्मेदारी सौंपी गई लेकिन इन 15 सालों में भ्रष्टाचारी अधिकारियों की लंबी जमात तैयार हो चुकी थी अरे जमात और किसी काम में निपुण हो या ना हो लेकिन भ्रष्टाचार करने में पूरी तरह से निपुण हो चुकी थी और इनके इसी की वजह से यह कई सालों से एक जहां पर टिके हुए थे।

स्थानांतरित होने के बाद इन भ्रष्ट अधिकारियों की फौज अब राजधानी रायपुर में जुट गई है और प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात कर अपनी पिछली समस्याओं से अवगत कराना चाहते है । फिलहाल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अभी तक इन भ्रष्ट अधिकारियों से मुलाकात तो नहीं हुई है लेकिन इतना तो तय है कि भ्रष्टाचार के कई मामलों में आरोपी इन अधिकारियों को सीएम भूपेश बघेल से भी कोई राहत मिलने के आसार नहीं हैं।

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