प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी हेतु गठित विधायकों की राजनैतिक समिति की प्रथम बैठक
सदस्यों ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव-प्रत्येक जिला मुख्यालय में नशा मुक्ति केंद्र खोलने एवं सामाजिक समितियों से शराबबंदी पर चर्चा की जाए
रायपुर — छत्तीसगढ़ राज्य में पूर्ण शराबबंदी की अनुशंसा के लिए गठित की गई प्रमुख राजनैतिक दलों के विधायकों की समिति की प्रथम बैठक आज नवा रायपुर के जीसटी भवन में आयोजित की गई। समिति के अध्यक्ष श्री सत्यनारायण शर्मा ने समिति के सदस्यों से पूर्ण शराब बंदी के लिए सुझाव मांगे। बैठक में श्री शर्मा ने कहा कि शराबबंदी के निर्णय को लागू करने के लिए विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ विचार-विमर्श किया जाए और जिन राज्यों में शराबबंदी की गई है वहाँ अध्ययन दल भेंजे जाएं।
समिति के सदस्यों ने बैठक में कारगर तरीके से पूर्ण शराबबंदी किए जाने के सम्बंध में अपने-अपने सुझाव दिए। सामाजिक समितियों से शराबबंदी पर चर्चा की जाए एवं सामाजिक स्तर होने वाले कार्यक्रम में शराबबंदी के बने नियम को कड़ाई से पालन करवाया जाए। शराब दुकानों को धीरे-धीरे कम किया जाए, प्रत्येक जिला मुख्यालय में नशा मुक्ति केंद्र खोलने की एवं नशा मुक्ति के लिए रखा गया बजट में वृद्धि करने के सुझाव दिए गए। शराबबंदी हेतु जनजागरण के लिए सिनेमा हाल में विज्ञापन दिखाने, गाँव में डाक्यूमेंट्री फिल्म, नाटक, प्रहसन के माध्यम से शराब पीने से होने वाली हानियों के बारे जानकारी देने। अवैध शराब को पकड़वाने व्यक्ति को प्रोत्साहन राशि देने धार्मिक संस्थाओं का भी शराबबंदी में सहयोग लेने और महिलाओं का इस अभियान के लिए सहयोग हासिल करने जैसे सुझाव दिए गए।
बैठक में विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई। जिनमें राज्यों में पूर्ण शराबबंदी लागू किए जाने के फलस्वरूप राज्यों के वित्तीय ढांचे, अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, शराबबंदी का सामाजिक क्षेत्र में प्रभाव, शराबबंदी लागू करने में आई कठिनाईयां, शराबबंदी के फलस्वरूप राज्यों के कानून व्यवस्था की स्थिति में परिवर्तन-बदलाव, अवैध मदिरा के विक्रय, परिवहन और धारण को रोके जाने संबंधी समानांतर कार्यवाही, अनुसूचित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति के समुदायों को नियत सीमा तक शराब के निर्माण एवं धारण के छूट पर शराबबंदी के प्रभाव, औचित्य और सफलता, अनुसूचित क्षेत्रों में शराबबंदी के फलस्वरूप उत्पन्न विधिक परिस्थितियां एवं प्रभाव, शराबबंदी के फलस्वरूप जनस्वास्थ्य पर प्रभाव शराबबंदी के फलस्वरूप पूर्व में नियोजित कर्मचारियों का प्रतिस्थापन और पुनर्नियोजन की व्यवस्था बैठक में पूर्ण शराबबंदी के पूर्व राज्य सरकार द्वारा चलाए गए जनचेतना अभियान एवं उसका प्रभाव तथा सामाजिक अंकेक्षण और राज्य सरकार द्वारा पूर्व से संचालित नशामुक्ति केन्द्रों की कार्यप्रणाली एवं उनकी भूमिका आदि विषय शामिल थे।
सचिव सह आयुक्त आबकारी श्री निरंजन दास ने बैठक में बताया कि गुजरात, बिहार, मिजोरम, नागालैंड और केंद्र शासित राज्य लक्ष्यदीप में पूर्णता शराबबंदी है। जबकि कुछ राज्यों में शराबबंदी का निर्णय लिया गया था लेकिन बाद में निर्णय को वापस लिया गया। इस अवसर पर समिति के सदस्य विधायक सर्वश्री शिशुपाल सोरी, कुंवर सिंह निषाद, केशव प्रसाद चन्द्रा, पुरूषोत्तम कंवर, द्वारिकाधीश यादव, विधायक श्रीमती रश्मि आशिष सिंह, विधायक श्रीमती संगीता सिन्हा, विधायक श्रीमती उत्तरी गणपत जांगड़े सहित आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।