करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए जल संसाधन विभाग के एक्जक्यूटिव इंजीनियर द्वारा नहीं दिया जा रहा है चार्ज , जल संसाधन विभाग ने जारी किया पत्र….

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जशपुर — जशपुर जलसंसाधन संभाग कार्यालय में इन दिनों कुछ ठीक नहीं चल रहा है। तबादला एक्सप्रेस में जल संसाधन विभाग में स्थानान्तरण की लंबी फेहरिस्त में जशपुर कार्यपालन अभियंता डी आर दर्रो का स्थानांतरण भी हुवा था, और उनकी जगह विजय कुमार जामनिक को भेजा गया था। स्थानांतरण के बाद श्री जामनिक 14 अगस्त को अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के बाद से अब तक उन्हें तत्कालीन कार्यपालन अभियंता द्वारा चार्ज नही दिया जा रहा है। इससे परेशान होकर अब छ ग शासन जल संसाधन विभाग के सचिव सहित अन्य उच्चाधिकारियों को पत्र प्रेषित किया है।

कार्यपालन अभियंता विजय कुमार जामनिक अपने नए पदस्थापना कार्यलय में उपस्थिति तो दे दिया है, लेकिन कार्यपालन अभियंता डीआर दर्रो न तो कार्यलय आ रहे हैं और न ही अपना चार्ज नए अधिकारी को दे रहे है।

नव पदस्थ कार्यपालन अभियन्ता विजय कुमार जामनिक के द्वारा श्री दर्रो के द्वारा किये जा रहे कृत्य को लेकर अब सचिव छत्तीसगढ़ शासन जल संसाधन विभाग सहित विभाग के दूसरे बड़े अधिकारियो को पत्र प्रेषित कर पूरी घटना की न सिर्फ जानकारी दी गई है बल्कि जशपुर जल संसाधन सम्भाग में अब तक पदस्थ रहे कार्यपालन अभियंता डीआर दर्रो के द्वारा किये जा रहे नियम विरुद्ध कार्य से भी अवगत कराया है। उन्होंने उच्चाधिकारियों को कार्यभार ग्रहण कराने सम्बंधित दिशा निर्देश जारी करने कहा है। पत्र में हो रहे वित्तीय अनियमितता का भी इशारा किया गया है। जल संसाधन सम्भाग जशपुर के दो योजनाओं का भी उल्लेख किया है।

उन्होंने पत्र में उल्लेख किया है कि कार्यालयीन दस्तावेजो का अवलोकन करने पर पाया कि हल्दी मुंडा व्यपवर्तन योजना में व्याप्त भ्र्ष्टाचार व वित्तीय अनियमितता की ओर इशारा करते हुए उल्लेख किया है , 25 करोड़ की राशि स्वीकृत हुई थी जिसमें ₹33करोड़ का भुगतान किया गया है हल्दी मुंडा 12 करोड़ 40लाख का भुगतान किया गया है इसमें अभी 4.30 करोड़ का का भुगतान बिना सरकार से अनुमोदन लिए ही कर दिया गया है ।

इस योजना की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति 2508.83 लाख आहरण किया गया , जिसके विरुद्ध 22 अगस्त 2019 तक यानि अब तक 3297.14 लाख का व्यय किया गया है। इसी तरह डूमरटोली एनीकट योजना में पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति 1288.67 लाख के विरूद्ध अद्यतन व्यय राशि 1237.70 लाख व्यय किया जा चुका है जबकि इसी योजना के लिए अतिरिक्त प्राक्कलन लागत 459.80 लाख का स्वीकृति के लिए शासन स्तर पर लंबित है। इससे जाहिर होता है कि श्री दर्रो दोनो योजनाओं के डीआईआर में प्रावधानित कार्यो के अतिरिक्त अन्य कार्यो पर व्यय किया जा रहा है।

नव पदस्थ कार्यपालन अभियंता विजय कुमार जामनिक द्वारा उच्चाधिकारियों को लिखे पत्र में उल्लेखित तथ्यों पर गौर किया जाए तो तत्कालीन कार्यपालन अभियंता श्री दर्रो के द्वारा योजनाओं में जमकर गफलत बाजी की गई और आगे मोटी मलाई रखी हुई है जिसे छोड़ कर वे जाना नही चाहतें है। नए अधिकारी के आने से उनके द्वारा किये गए वित्तीय अनियमितता की पोल खुल जाएगी।

फिलहाल अब देखना ये है कि नवपदस्थ कार्यपालन अभियंता विजय कुमार जामनिक के पत्र पर उच्चाधिकारी किस तरह एक्शन लेते हैं।

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