मंतूराम पवार के बयान से अंतागढ़ में लोकतंत्र की हत्या से लेकर झीरम तक में भाजपा की भूमिका साफ़ : रमन सिंह, राजेश मूणत, अजीत जोगी और अमित जोगी को राजनीति छोड़ देनी चाहिए — कांग्रेस

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प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी महामंत्री गिरीश देवांगन तथा महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी की पत्रकारवार्ता

मंतूराम पवार के बयान से अंतागढ़ में लोकतंत्र की हत्या से लेकर झीरम तक
में भाजपा की भूमिका साफ़

रायपुर — कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी महामंत्री गिरीश देवांगन तथा महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी की पत्रकारवार्ता के मुख्य बिंदु पर  चर्चा की भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व विधायक मंतूराम पवार ने अदालत में धारा-164 के तहत बयान दिया है। – इससे वर्ष 2014 में अंतागढ़ उपचुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी के ख़रीद-फख़्रोत की पूरी कहानी साफ़ हो गई है।
– भाजपा नेता मंतूराम पवार के बयान से स्पष्ट है कि पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, पूर्व मंत्री राजेश मूणत और पूर्व विधायक अमित जोगी ने मिलकर एक व्यापक षडयंत्र रचा था।
– इन चार राजनेताओं ने मिलकर लोकतंत्र को न केवल शर्मसार किया बल्कि लोकतंत्र की हत्या की।
– सात करोड़ रूपए में कांग्रेस के प्रत्याशी को मैदान से हटाने के लिए रमन सिंह जी ने अपने साथी अजीत जोगी के साथ मिलकर सारे हथकंडे अपनाए।
– इसमें सत्ता का दुरूपयोग भी शामिल है क्योंकि मंतूराम पवार ने अपने बयान में कहा है कि उन्हें एसपी ने धमकाया था कि उनका भी हश्र झीरम की तरह कर दिया जाएगा।
– इस बयान से यह भी स्पष्ट हुआ है कि न केवल अंतागढ़ बल्कि झीरम में भी रमन सरकार की भूमिका थी, तभी तो वे झीरम जैसा कांड करने की धमकी दे रहे थे।
– दिसंबर, 2015 में अंतागढ़ ऑडियो टेप आने के बाद से मंतूराम पवार के बयान तक जो कुछ भी उजागर हुआ है वह लोकतंत्र के लिए घातक है।
– अभी रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता की भूमिका का विवरण आना बाक़ी है क्योंकि ऑडियो टेप में हम सबने उनकी आवाज़ भी सुनी थी।
– कांग्रेस ने अंतागढ़ उपचुनाव के समय से ही चुनाव आयोग से लेकर पुलिस तक सबसे शिकायत की थी और इस धांधली की जांच की मांग की थी।
– लेकिन रमन सिंह सरकार की पुलिस ने कोई जांच नहीं की और जब कांग्रेस की सरकार ने अंतागढ़ की जांच शुरू की तो इसका विरोध शुरू कर दिया।
– कांग्रेस के आरोप अक्षरशः सही साबित हुए हैं और अब इतने सबूत हैं कि कोई इनसे इनकार भी करे तो भी जनता उस पर भरोसा अब तो नहीं करने वाली है।

 

कांग्रेस की मांग

– पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, पूर्व मंत्री राजेश मूणत और पूर्व विधायक अमित जोगी चारों से नैतिकता की कोई उम्मीद तो नहीं है लेकिन फिर भी हम मांग करते हैं कि चारों को अंतागढ़ चुनावी धांधली की नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए तत्काल राजनीति छोड़ देनी चाहिए।
– चारों राजनेताओं अगर अपने दावों के अनुसार बेकसूर हैं तो चारों को अंतागढ़ मामले की जांच में सहयोग करना चाहिए।
– पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह जी को अपने दामाद पुनीत गुता को वॉइस सेंपल देने के लिए कहना चाहिए।
– वाइस सेम्पल देने में चल रहा हीला हवाला अब बंद होना चाहिए।
– इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और अमित जोगी को भी तत्काल अपने वॉइस सेंपल जांच कर रही एसआईटी को देना चाहिए।
– इस बात की भी विस्तृत जांच होनी चाहिए कि सौदे के लिए जो सात करोड़ दिए गए वह राशि तत्कालीन मंत्री राजेश मूणत के पास कहां से आए।
– कांग्रेस सरकार से यह भी मांग करती है कि मंतूराम पवार के बयान के आधार पर दोषी अधिकारियों और बचौलियों की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए।
पत्रकारवार्ता में मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला, प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, प्रवक्ता मोहम्मद असलम तथा संस्कृति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष दिलीप षडंगी उपस्थित थे।

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