केंद्रीय जेल में मना विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस……. बंदियों ने लिया आत्महत्या रोकथाम का संकल्प
समय पर खान-पान एवं नींद ले तो नहीं आता आत्महत्या का ख्याल: डॉ. परिहार
रायपुर — केंद्रीय कारागार में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के उपलक्ष में जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित स्पर्श क्लीनिक (मनोरोग विभाग)द्वारा बंधुओं को आत्महत्या के दुष्परिणाम एवं रोकथाम के प्रति जागरूक करने के लिए केंद्रीय जेल में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
मुख्य वक्ता मनोवैज्ञानिक एवं मनोचिकित्सक डॉ डीएस परिहार ने कहा मन: स्थिति में हीन भावना का नियंत्रण नहीं होने के कारण व्यक्ति आत्महत्या की ओर प्रेरित होता है ।“हमें अपने जीवन की रक्षा स्वयं करनी होगी । समस्याओं के आने पर अपने करीबी दोस्त और रिश्तेदार से इस विषय पर आपसी संवाद और चर्चा करनी चाहिए ताकि उसका सकारात्मक हल ढूंढ जा सके,’’ उन्होंने कहा|
समय पर खानपान पूरी नींद लेना और सकारात्मक विचारों को बढ़ाना व्यक्ति को आत्महत्या करने से रोकता है। उन्होंने सुधार गृह के लोगों से आह्वान किया जब वह सुधार गृह के बाहर जाएं तो लोगों के लिए सकारात्मक बने आत्महत्या के तरफ जा रहे व्यक्ति के लियें गेटकीपर बनें ।
अतिरिक्त जेल अधीक्षक खोमेश मंडावी ने सुधार गृह से सकारात्मक सोच के साथ बाहर निकलने और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने की बात कही। विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस का मूल उद्देश्य आपके जीवन में सकारात्मक दृष्टि उत्पन्न करना और उसका पालन कराना रहता है ।अगर नकारात्मकलगे तो शीघ्र मनोचिकित्सक से परामर्श लेना होगा, उन्होंने कहा।
मनोचिकित्सक निरुपमा सिंह ने कहा आत्महत्या के कारणों को सकारात्मक दृष्टि से सोच कर हल कर सकते हैं । आत्महत्या कर लेने से नुकसान होता है, और साथ ही पीछे छूटे हुए परिवार को जो परेशानियां होती है उसको भी समझना पड़ेगा।अगर आप इस तरह की बातें सोचते हैं तो यह सकारात्मक होंगी और यदि आपको ऐसा लगता है कि आप जीवन को समाप्त करें तो आपको शीध्र ही किसी मनोचिकित्सक से परामर्श लेना होगा ताकि वह आपको बेहतर परामर्श दे सके,’’ डॉ सिंह ने कहा ।
कार्यशाला का संचालन जेल शिक्षा प्रभारी नेतराम नाकतोड़े ने किया ।