किसानों से हमदर्दी है तो भाजपा सांसद मोदी जी के पास जाएं और सेंट्रल पुल में चावल लेने के नियम को पिछले तीन साल की तरह रखने की मांग करें — धनजंय सिंह

0

 

भाजपा के सांसदों को छत्तीसगढ़ के किसानों की तनिक भी चिंता है तो उन्हें सदन में खड़े होकर एक स्वर में कांग्रेस के सांसदों के द्वारा उठाई गई मांगों का समर्थन करना चाहिए

 

रायपुर/21 नवंबर 2019 —  भाजपा सांसद संतोष पांडेय के द्वारा लगाए गए आरोप पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ने गंगाजल हाथ में लेकर किसानों के धान 2500 रू. प्रति क्विंटल में खरीदने का वचन दिया था और कांग्रेस सरकार के मुखिया भूपेश बघेल ने तो वचन पूरा किया। 2018-19 में धान की खरीदी 2500 रुपया प्रति क्विंटल की दर से किया और आगे भी इसी दर पर ही धान की खरीदी करेंगे भी। अब भाजपा सांसद और भाजपा नेताओं की बारी है यदि भाजपा नेताओं के मन में छत्तीसगढ़ के किसानों के प्रति हमदर्दी है तो, किसानों का भला चाहते हैं तो, किसानों को आर्थिक रूप मजबूत करने की सोच रखते हैं तो वे मोदी सरकार के पास जाएं और मांग करें कि पिछले 3 साल से सेंट्रल पूल में चावल खरीदने की जो नीति छत्तीसगढ़ के लिए लागू की गई थी उस नीति को ही निरंतर लागू रहने दिया जाए ताकि छत्तीसगढ़ के किसान आर्थिक रूप से सक्षम हो जाये।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि छत्तीसगढ़ भाजपा का किसान विरोधी चरित्र छत्तीसगढ़ की जनता 15 साल से देखी रही है, अब लोकसभा में भी भाजपा का किसान विरोधी चेहरा दिख गया है। जब कांग्रेस के सांसद छत्तीसगढ़ के किसानों के चावल को सेंट्रल पुल में खरीदने के नियम को शिथिल करने की मांग कर रहे थे ऐसे में भाजपा के सांसद फिर एक बार अपने किसान विरोधी मनसूबे को ही आगे बढ़ाते हुये किसानों का पक्ष रख रहे कांग्रेस सांसदों का विरोध किये। भाजपा सांसदों ने सदन में एक बार भी छत्तीसगढ़ के किसानों से खरीदी गई धान के चावल को सेंट्रल पुल में लेने के नियम को शिथिल करने की मांग सदन से नहीं किया। बल्कि आम जनता को जिस प्रकार छत्तीसगढ़ में गुमराह करने का काम किया वही कृत्य को सदन में दोहराया। भाजपा के सांसद छत्तीसगढ़ के हित की बातों को सदन में रखते हैं। भाजपा के सांसदों को छत्तीसगढ़ के किसानों की तनिक भी चिंता है तो उन्हें सदन में खड़े होकर एक स्वर में कांग्रेस के सांसदों के द्वारा उठाई गई मांगों का समर्थन करना चाहिए।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed