भाजपा में होता है गरीब-अमीर, ऊंचा-नीच का भेदभाव, सत्ता गई लेकिन पूर्व मंत्री राजेश मूणत की ऐंठन नही गई — धनंजय सिंह ठाकुर

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पूर्व मंत्री राजेश मूणत बताये चपरासी निमंत्रण बांटे तो अपमान कैसे ?

 

शहीद स्मारक भवन लोकार्पण का निमंत्रण पत्र चपरासी बांटे तो अपमान कैसा मूणत-भाजपा बताये?

 

रायपुर — पूर्व मंत्री भाजपा नेता राजेश मूणत ने शहीद स्मारक भवन के लोकार्पण कार्यक्रम के निमंत्रण पत्र को चपरासी के द्वारा देने पर आपत्ति किया इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व मंत्री राजेश मूणत के बयान से भाजपाइयों की असल चरित्र सामने आया है। भाजपाइयों के मन में ऊंच-नीच, छोटा-बड़ा, अमीर-गरीब का भेदभाव कूट-कूट कर भरा हुआ है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि निश्चित तौर पर शहीद स्मारक भवन के जीर्णोद्धार पूर्व सरकार के कार्यकाल के दौरान शुरू हुआ था। जो कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार के कारण समय पर काम पूरा नहीं हो पाया। अब सत्ता परिवर्तन के बाद जब कांग्रेस सरकार ने तेजी से शहीद स्मारक भवन का जीर्णोद्धार कार्य पूरा किया है तब उसका लोकार्पण किया जा रहा है। लोकार्पण कार्यक्रम में शहर के सभी नागरिकों को आमंत्रित किया गया है। उसमें भाजपा के नेता और कार्यकर्ता भी आमंत्रित हैं। लेकिन मंत्री राजेश मूणत ने चपरासी के हाथों मिले निमंत्रण पत्र पर आपत्ति करना, भाजपा के असल चरित्र को सामने लाया है। क्या चपरासी मनुष्य नहीं होता है? क्या मूणत जी चपरासियों को द्वितीय श्रेणी का नागरिक समझते है? छत्तीसगढ़ में राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौपने का बेहद महत्वपूर्ण कार्य कांग्रेस भवन के दो कर्मचारी बालेश्वर सोना और भूपेन्द्र सारथी (पकलू) करते है और इसमें राज्यपाल जी को भी कोई आपत्ति नहीं होती। विधानसभा चुनाव हारे जनता के द्वारा रिजेक्ट राजेश मूणत अभी भी उसी गर्व और घमंड में डूबे है जिसके कारण भाजपा की बुरी तरह से हार हुयी थी। 15 साल सत्ता में रहने के बावजूद ले देकर भाजपा की 90 में से 15 सीटे आई है। भाजपा के मिशन 65$ को जनता ने नकार दिया।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा जब सत्ता में थी तब भाजपा सरकार के मंत्रियों का व्यवहार छत्तीसगढ़ के गरीब, किसान, मजदूर, महिलाओं के साथ ऐसा ही भेदभाव पूर्ण था। जिसका ही नतीजा है कि 15 साल की सत्ता भाजपा को भाजपा 15 सीट तक सिमट गई। करारी हार के बाद भी भाजपा नेताओं का अहंकार खत्म नहीं हुआ है। भाजपा के कार्यकर्ता भी नेताओं के रूखे और भेदभाव पूर्ण व्यवहार से दुखी और अपमानित महसूस करते हैं। विधानसभा चुनाव के करारी हार के बाद जिस प्रकार से भाजपा के कार्यकर्ताओं ने नेताओं के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया इससे स्पष्ट है कि भाजपा में सेठ, साहूकार, ठेकेदार, पूंजीपतियों की पूछ परख आए। भाजपा में गरीब और साधारण व्यक्तियों को दोयम दर्जे का समझा जाता है। शहीद स्मारक भवन राजधानी की पहचान है और शहीदों के याद में बनाएगा स्मारिका है। राजेश मूणत ने स्तरहीन भेदभावपूर्ण ओछी राजनीति करते हुए शहीद स्मारक भवन के लोकार्पण कार्यक्रम पर इस प्रकार के आरोप लगाए हैं जो निंदनीय है।

 

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