मोदी के 60 माह देश के बदहाली के, भूपेश सरकार के 60 दिन छत्तीसगढ़ की समृद्धि की — शैलेश नितिन त्रिवेदी
रायपुर — प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भूपेश बघेल जी की नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के 60 दिन जनहित के कामकाज और फैसलो के है जबकि केन्द्र की मोदी सरकार 60 महिने जुमलेबाजी और देश की बदहाली के हैं। किसानों के संदर्भ में बात करें तो मोदी के 60 महिने में किसानो की दुर्दशा जगजाहिर है। इतिहास में कभी भी किसान इतनी बदहाल स्थिति में नहीं रहा। कर्ज के चलते किसानों के आत्महत्या की घटनायें बढ़ी है। दक्षिण भारत सहित देशभर के लगभग 50 हजार किसान 180 किमी की पदयात्रा कर महिनों जंतर-मंतर में प्रदर्शन करते रहे, पर संवेदनहीन मोदी सरकार नहीं जागी। 2014 के घोषणा पत्र में कहा था कि स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करेंगे और किसानों को लागत मूल्य का डेढ़ गुना दाम देंगे, पर यह भी कोरी जुमलेबाजी निकली।
आदिवासियों के जमीनों को छीनकर उद्योगपतियों को दिया गया। उन्हें जल, जंगल, जमीन से बेदखल किया गया। सुप्रीम कोर्ट में जानबूझकर उनका पक्ष प्रभावी ढंग से नहीं रखा गया। वनोपजों की खरीदी में भी बिचौलियों के माध्यम से शोषण किया जाता रहा। चरणपादुका जैसी दिखावेबाजी योजनाओं के माध्यम से केवल भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला।
युवा बेरोजगारी से पीड़ित है। विगत 40 वर्षो में रोजगार के अवसर सबसे न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। नोटबंदी के चलते करोड़ो रोजगार छीन लिये गये। सरकारी और निजी दोनां क्षेत्रो में रोजगार का अभाव है।
न खाऊंगा न खाने दूंगा की हकीकत यह है कि लगभग सवा तीन लाख करोड़ के लोन सेटआफ करके केवल 14 बड़े औद्योगिक घरानो से मित्रता निभाया। नोटबंदी एक संगठित लूट, 100 प्रतिशत मिलीभगत से कालाधन रातो-रात सफेद किये गये। बैंको (खासकर सहकारी बैंको) की भूमिका संदिग्ध है। राफेल सौदे में 30 हजार करोड़ अंबानी की जेब में डालने की साजिश। यदुरप्पा, विजया माल्या, अर्नव मोदी, नीरव मोदी, शारदा चिटफंड, भारतीय घोष जैसों को संरक्षण दिया। बीएसएनएल के टॉवर रिलांयस जिओ को हस्तांतरित, रेल्वे में डीजल सप्लाई एचपी/इडियन ऑयल से छीनकर रिलांयस पेट्रोकेम को दे दिया गया। एनएमडीसी के माइंस अडानी को, ओएनजीसी के तेल कुएं और रिफाइनरी रिलांयस पेट्रोकेम को, लालकिला डालमिया को, देश के 5 बड़े एयरपोर्ट अडानी को, लोकपाल को पांच साल रोके रखे। सूचना का अधिकार अधिनियम के पालन में भी टालमटोल।
देश की रक्षा और आतंरिक सुरक्षा में भी मोदी सरकार असफल रही। उरी, पठानकोट, गुरदासपुर और पुलवामा में इंटेलिजेंस फेलवर, सर्जिकल स्ट्राइक के नाम पर सेना के शौर्य और शहादत का राजनीतिकरण, छद्म राष्ट्रवाद और जनभावनाओं की मार्केटिंग, वनरेंक-वन पेंशन पर गुमराह किया, आज भी पूर्व सैनिक धरने पर। राफेल की डिलेवरी को दलाली के चक्कर में लटकाये रखा।
मोदी राज में देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो चुकी है। नोटबंदी और जीएसटी से छोटे और मध्यम व्यापार चौपट, रियल स्टेट सेक्टर की कमर टूट गई है, बेरोजगारी बढ़ी है। अर्थव्यवस्था बदहाल है। अनेकों बड़ी-बड़ी सरकारी और निजी कंपनिया दिवालिया होने के कगार पर है।
दूसरी ओर भूपेश बघेल जी के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार के 60 दिन ऐतिहासिक फैसलों के है। किसानों की कर्ज माफी तत्काल लागू, धान का समर्थन मूल्य 2500 रू. प्रति क्विंटल करने वाला छत्तीसगढ़ देश का प्रथम राज्य, अन्नदाता और छत्तीसगढ़िया आत्मसम्मान की पुर्नस्थापना।
आदिवासियों के हित में बस्तर लोहंडीगुड़ा में अधिग्रहित किसानों की भूमि की निःशुल्क वापसी। तेंदुपत्ता का समर्थन मूल्य 2500 से बढ़ाकर 4000 रू. प्रति मानक बोरा। 15 वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था। जंल, जंगल, जमीन पर आदिवासियो को हक देने का वादा और अमल का पक्का इरादा। वनाधिकार पट्टा। तीनों आदिवासी विकास प्राधिकरणों की कमान आदिवासियों के हाथ में, आदिवासियो पर दर्ज प्रकरणों की समीक्षा।
युवाओं को मिलने लगे रोजगार के नये अवसर, 15 हजार शिक्षकों की पूर्णकालिक भर्ती की प्रक्रिया शुरू। स्वास्थ विभाग में डॉ., नर्स और टेक्निशियनो की भर्ती आरंभ। उच्च शिक्षा में प्राध्यापको के 1345 और खेल अधिकारी 61 पदों पर भर्ती प्रक्रिया आरंभ। ग्रामीण क्षेत्रो में नरवा, गरवा, घुरूवा, बाड़ी की परिकल्पना से रोजगार के अवसर बढ़े।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने 60 दिन में भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही के रहे। 36 हजार करोड़ के नान घोटाले की जांच के लिये एसआईटी का गठन। डीके सुपर-स्पेशलिटी हास्पिटल में की गई अनियमिता पर कार्यवाही। चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कार्यवाही। अंतागढ़ प्रकरण की पुनः जांच प्रमुख है।
छत्तीसगढ़ के युवा जो मातृभूमि का फर्ज निभा रहे, ऐसे सेना या केंद्रिय पुलिस बल में कार्यरत किसी भी छत्तीसगढ़िया की मोर्चे या सेवा के दौरान मृत्यु पर उनकी पत्नी को सरकारी नौकरी और बच्चों के कालेज तक की शिक्षा का खर्च सरकार वहन करेगी। घायल या उसके कारण से सेवा मुक्ति पर राज्य सरकार नौकरी देगी।
छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को संहालने महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये है। छोटे भू-खंडो की रजिस्ट्री आंरभ होने से रियल स्टेट को मजबूती मिली है। किसानो की समृद्धि से क्रय क्षमता बढ़ रही है। जिससे व्यापार समृद्ध होगा। ग्रामीण क्षेत्रो में रोजगार के अवसर बढ़े है। कृषि में युवाओं का रूझान दिखने लगा है।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने चुनौती देते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तो बार-बार प्रेस से मुखातिब हो रहे हैं और हर सवाल का जवाब दे रहे हैं। अपने साठ दिन की उपलब्धियों के बारे में भी और भविष्य की योजनाओं के बारे में भी उन्होंने कहा है। लेकिन दूसरी ओर नरेंद्र मोदी हैं जो 60 महीनों में एक बार भी प्रेस के सामने आने की हिम्मत नहीं जुटा पाए और अपने कामकाज का लेखा-जोखा तो दूर वे सामान्य विषयों पर किसी भी सवाल का जवाब देने सामने नहीं आ पाए।