राष्ट्रपति ने कोविड-19 से बचाव के मद्देनजर राज्यपालों से की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग…… कोविड-19 नियंत्रण पर राज्यपाल द्वारा दी गई जानकारी ।

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 राष्ट्रपति ने की सराहना और उपराष्ट्रपति ने कहा -वेरी गुड  
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए किए गए ठोस प्रयास: सुश्री उइके


रायपुर, 03 अप्रैल 2020 — राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोरोना वायरस के संक्रमण के सम्बंध में दूसरी बार राज्यपालों की बैठक ली। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडु उपस्थित थे। उन्होंने पूरे देश में कोरोना के संक्रमण के बचाव के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी ली। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए ठोस प्रयास किये जा रहे हैं। राज्यपाल ने कहा – छत्तीसगढ़ में 09 कोरोना पाॅजिटिव पाए गए थे, इसमें से 03 मरीज ठीक होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं। अन्य मरीजों की हालात में भी सुधार हो रहा है। इस संबंध में मैंने भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान छत्तीसगढ़ के निदेशक से बात की और वहां पर भर्ती कोरोना से प्रभावित प्रत्येक मरीज की जानकारी ली और अन्य सभी मरीजों की जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामना की। मैंने एम्स के समस्त चिकित्सक और अन्य कर्मचारियों को उनके कार्य के लिए धन्यवाद भी दिया। इसके लिए राष्ट्रपति ने सराहना की और उपराष्ट्रपति ने कहा-वेरी गुड। उन्होंने रेडक्रास सोसायटी द्वारा किये जा रहे कार्य और फसल कटाई, उनके रखरखाव और खाद बीज की उपलब्धता की जानकारी भी ली।
राज्यपाल ने बताया कि इंडियन रेडक्रास सोसायटी के संदर्भ पूरे प्रदेश में लगभग 5000 वाॅलेंटियर्स चिन्हित किये जा चुके हैं, जिनमें से प्रदेश में 944 वालेंटियर्स सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं, जिनके द्वारा अब तक 17 हजार से अधिक हितग्राहियों का सहयोग किया जा चुका है। सोसायटी द्वारा जरूरतमंद और क्वारेंटाइन में रह रहे लोगों को निःशुल्क भोजन की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही क्वारेंटाइन में चिन्हित घरों की निगरानी भी उनके द्वारा की जा रही है। इंडियन रेडक्रास सोसायटी ने 25 लाख रूपए का रिलीफ फंड जारी किया है, जिसे छोटे और पिछड़े जिलों में आवश्यकतानुसार खर्च किया जाएगा। सुश्री उइके ने बताया कि फसल कटाई के लिए आवश्यक इंतजाम करने के निर्देश दिये गए हैं। साथ ही इस स्थिति में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने कहा गया है। सब्जियां बाजार तक और आम जनता के मध्य सुरक्षित तरीके से पहुंचे इसकी पुख्ता व्यवस्था की गई है।
सुश्री उइके ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य के लगभग 12 हजार से अधिक श्रमिक भारत के विभिन्न 21 राज्यों में फंसे हुए हैं, उनके द्वारा शासन से और शासन द्वारा भी उनसे संपर्क किया गया और संबंधित राज्य द्वारा समन्वय बनाकर उनके लिए भोजन तथा रहने की व्यवस्था कराई गई। राज्यपाल ने बताया कि प्रदेश में इस समय 355 राहत शिविर बनाए गए हैं, जिनमें 10 हजार प्रवासी हितग्राही रूके हुए हैं। प्रदेश के बाहर से आए करीब 48 हजार लोगों को गांव के बाहर स्कूल और सामुदायिक भवनों में निगरानी में रखा गया है। साथ ही कुछ संस्थानों में श्रमिकों को 15 दिन के वेतन के बराबर एडवांस लगभग राशि रू. 22,98,550 की सहायता दिलाई गई है। ई.सी.आई. के माध्यम से राज्य में 42 क्लीनिक कार्यरत हैं, इनमें 8,864 श्रमिकों का इलाज एवं दवा वितरण संचालित है।
राज्यपाल ने बताया कि उन्होंने एक महीने का वेतन प्रधानमंत्री राहत कोष और मुख्यमंत्री राहत कोष में और राजभवन के समस्त अधिकारी-कर्मचारी भी अपनी एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया गया है। राज्यपाल ने बताया कि मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए लाॅकडाउन के निर्देश का पालन करने को कहा है। साथ ही मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव, खाद्य सचिव, श्रम सचिव, पुलिस एवं जिला कलेक्टर की राजभवन में संयुक्त बैठक लेकर संपूर्ण राज्य के संदर्भ में जानकारी प्राप्त की गई और नियमित रूप से जानकारी देने का निर्देश दिया गया है। साथ ही राज्य के सभी कुलपतियों को भी निर्देशित किया है कि महाविद्यालयीन विद्यार्थी सोशल मीडिया तथा अन्य माध्यमों से लोगों को कोरोना वायरस से बचाव के संबंध में जागरूक करे।
सुश्री उइके ने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ में अब तक 1232 लोगों की सेम्पल ली जा चुकी है और इसमें से 921 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। साथ ही छत्तीसगढ़ में विदेश से करीब 11 हजार लोग वापस लौटे हैं। एयरपोर्ट में 20 हजार से अधिक लोगों की जांच की गई है और 48 हजार 113 लोगों को होम आइसोलेशन में रखा गया है, राज्य में 71 क्वारेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं, इनमें बिस्तरों की संख्या 1232 है। इसके अलावा राज्यपाल ने प्रधानमंत्री के दिए गए निर्देशों का राज्य में किए जा रहे क्रियान्वयन और शासन के प्रयासों-योजनाओं की भी जानकारी दी। इस अवसर पर समस्त राज्यों के राज्यपाल और केन्द्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल उपस्थित थे।

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