मस्जिद प्रबंधन ने दी थी गलत जानकारी , पुलिस ने 16 लोगों के खिलाफ किया मामला दर्ज….
कोरबा, 7 अप्रैल 2020 — जिले के कटघोरा से मिला कोरोना पॉजिटिव किशोर दिल्ली के निजामुद्दीन की मरकज से ही लौटा था। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसे शनिवार को रायपुर एम्स में भर्ती कराया है। जबकि उसके बारे में मस्जिद प्रबंधन ने झूठी जानकारी दी। कटघोरा की जामा मस्जिद प्रबंधन ने उसके बारे में कामठी-महाराष्ट्र से आने की बात कही थी। पुलिस ने इस मामले में 16 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। वहीं जमातियों के संपर्क में आए लोगों को आइसोलेट किया जा रहा है।
मोबाइल और ट्रैवलिंग हिस्ट्री से हुआ खुलासा
दरअसल, पॉजिटिव मिला किशोर तब्लीगी जमात के उस जत्थे में शामिल था, जो जलसे से पहले वहां से लौटा था। इससे पहले मस्जिद प्रबंधन की सूचना व संक्रमित किशोर के बयान के आधार पर जिला प्रशासन ने उसका मरकज कनेक्शन होने से इंकार किया था। इसके बाद किशोर के मोबाइल नंबर के आधार पर पुलिस ने सीडीआर व ट्रेवल हिस्ट्री खंगाली तो स्थिति साफ हो गई।
एसडीओपी कटघोरा पंकज पटेल के मुताबिक संक्रमित युवक समेत कटघोरा की मस्जिदों में ठहरे जमातियों का ट्रेवल हिस्ट्री खंगाली जा रही है। जिसमें उनके मरकज कनेक्शन की बात सामने आ रही है। वह 28 फरवरी को निजामुद्दीन से उत्कल एक्सप्रेस से रवाना हुआ। ट्रेन 29 फरवरी को पेंड्रा रोड स्टेशन पहुंची। ये किशोर व अन्य वहां उतरे। इनके पेंड्रा से सड़क मार्ग से पसान मस्जिद होते हुए कटघोरा के जामा मस्जिद में पहुंचने का पता चला है।
एक ही थाली में खाते थे खाना, अब बुजुर्ग का सैंपल भेजा गया
एक अधिकारी ने कहा कि संक्रमित किशोर जिस मस्जिद में ठहरा था वहां वह एक बुजुर्ग जमाती के साथ यह एक ही थाली में खाना खाता था। बुजुर्ग में भी कोरोना वायरस के लक्षण नहीं दिख रहे हैं, लेकिन शनिवार को उक्त बुजुर्ग का भी स्वाब सैंपल लिया गया है। एम्स से अभी इसकी रिपोर्ट नहीं आई है। वहीं विरोध में कटघोरा के निवासियों ने रविवार को नगर में पूरी दुकानें बंद करके जनता कर्फ्यू लगाया।
तब्लीगी जमात के 9 मस्जिद, इसमें जिले से 8 हजार लोग जुड़े
जिले में तब्लीगी जमात की पकड़ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां उनकी 9 मस्जिद हैं। इसमें से कुछ को इमाम खाना के नाम से भी जाना जाता है। इनमें शहर के राताखार, धनुहारपारा, एसईसीएल काॅलोनी, दर्री क्षेत्र के जैलगांव, कटघोरा क्षेत्र में पुरानी बस्ती, पूछापारा व अंबिकापुर रोड समेत दीपका व पसान में जमात की मस्जिद है। सूत्रों के मुताबिक जिले में करीब 7-8 हजार लोग तबलीगी जमात से जुड़े हैं।
मैयत में शामिल लोग परिवार समेत क्वारेंटाइन में
एक सप्ताह पहले कटघोरा के पुरानी बस्ती में रहने वाले जमात के एक नेता का निधन हो गया था। लॉकडाउन नियम के तहत मैयत में 20 लोगों को शामिल होना था, लेकिन कटघोरा-कोरबा समेत आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे। सूत्रों के अनुसार जामा मस्जिद से तब्लीगी जमात के लोग भी वहां पहुंचे थे। प्रशासन ने अब मैयत में पहुंचे लोगों समेत उनके परिवार के सदस्यों को क्वारेंटाइन में रखा है।
दावत में होते रहे शामिल कटघोरा में घूमते भी रहे
पुरानी बस्ती मस्जिद के आसपास रहने वाले लोगों के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा होम क्वारेंटाइन करने के बाद भी वे कटघोरा समेत आसपास क्षेत्र में धार्मिक प्रचार व दावत में जाते रहे। जिसमें संक्रमित किशोर भी शामिल था। यहां तक कि वे आम लोगों की तरह कटघोरा में घूमते और दुकानों में सामान खरीदते। मस्जिद में भी क्षेत्र के नमाजियों का आना जाना लगा था। मरकज मामला सामने आने के बाद ही मस्जिद के दरवाजे पर ताला लगाकर वे अंदर रुके थे।
मरकज से लौटे 107 लोगों के सैपल भेजे, 83 निगेटिव, 23 की रिपोर्ट का इंतजार
छत्तीसगढ़ सरकार ने निजामुद्दीन मरकज से लौटे तब्लीगी जमात के 107 लोगों को चिन्हित कर उनके सैंपल जांच में भेजे थे। इनमें से 83 की रिपोर्ट निगेटिव आई, जबकि 23 लोगों की आना बाकी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों की स्टेटस रिपोर्ट सोशल मीडिया पर साझा करते हुए कहा है कि सतर्कता और सावधानी से बड़ा कोई हथियार नहीं है।
सबसे ज्यादा तब्लीगी जमाती कोरबा में
मुख्यमंत्री ने तब्लीगी जमात से संबंधित जिलेवार रिपोर्ट भी साझा की है। इसमें बताया गया है कि राज्य में सबसे ज्यादा जमात के 47 संदिग्ध कोरबा जिले के हैं। अभी केवल एक की रिपोर्ट पाॅजिटिव आई है। दुर्ग में जमात के 9, कोरिया में 5, सरगुजा में 8, बलौदाबाजार में 6, सुकमा में 1 की रिपोर्ट भेजी और निगेटिव आई। वहीं बिलासपुर में सामने आए 17 में से 9 और गौरेला-पेंड्रा में 14 लोगों की रिपोर्ट आना बाकी है।