भगवान के दर्शन नही , फिर भी भगवान भरोसे मरीज ।
अभी के हालात में डॉक्टरों को भगवान कहा जा रहा है लेकिन भगवान कई अस्पताल में दर्शन तक नहीं दे रहे हैं
जांजगीर ,चांपा — इस समय पुुरा देश दुनिया कोरोना महामारी से लड़ रही है इस महामारी से निजात दिलाने डॉक्टरों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है, जिन्हें देवदूत या धरती के भगवान कहा जा रहा है , लेकिन कई जगह लापरवाही देखने को मिल रही है. ऐसा ही नजारा जांजगीर-चांपा जिले के फगुरम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में देखने को मिला जहां पर 5 -6 स्टाफ तो पदस्थ है. लेकिन जब मीडिया टीम पहुंची तब वहां कोई भी उपस्थित नहीं थे .जब वहीं मामले में वहां की सफाई कर्मचारी थी उनसे हमारी टीम ने बात की तो उनके द्वारा बताया गया कि अभी सभी लंच के लिए गए हैं . लेकिन यहां हैरान कर देने वाली बात है कि 5-6 स्टाफ पदस्थ होने के बाद भी कोई भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उपस्थित नही थे तो इससे ज्यादा लापरवाही क्या हो सकती है. इस कोरोना महामारी के बीच राज्य सरकार द्वारा सभी शासकीय अस्पतालों के लिए आदेश जारी किया गया है कि 24 घंटे उपस्थित रहने के लिए आदेश जारी है मगर जांजगीर-चांपा जिले के फगुरम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भारी लापरवाही देखने को मिल रही है. जिसकी खामियाजा वहां के स्थानीय लोगों को भुगतनी पड़ रही है.
एस्मा(ESMA) लागू होने के बावजूद भी यहां के RMA व स्टाफ नही आते सही समय में ड्यूटी
कोरोना महामारी के चलते प्रदेश में एस्मा(ESMA) लागू किया गया है लेकिन यहां के कर्मचारी इतने लापरवाह हैं कि एस्मा लागू होने के बावजूद भी वह सही समय पर ना ही अस्पताल पहुंचते हैं ना ही सही ढंग से ड्यूटी करते हैं .यहां RMA डॉक्टर साहब के बारे में की बात की जाए तो साहब यहां सिर्फ दस्तखत करने आते हैं बाकी इनका मरीजों से कोई सरोकार नहीं है. साथ ही साथ साहब तो अपनी पहुंच बड़े बड़े राजनीतिक घरानों से बताते हैं .शायद यही वजह है कि इनके ऊपर कार्यवाही करने के लिए आलाधिकारियों के भी हाथ कांपते हैं.
क्या कहते है BMO साहिबा
वही मामले को लेकर जब हमने खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ कात्यानी सिंह से बात की तो उनका कहना है कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है. आपके माध्यम से मामले की जानकारी मिल रही है तो जांच कराई जाएगी अगर जांच में दोषी पाते हैं तो कार्यवाही भी की जाएगी.
देवेंद्र रात्रे की रिपोर्ट