कोरोना,पीलिया नही पीने वाले पहले सरकार के प्राथमिकता में है — कौशिक
रायपुर — नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि प्रदेश में कोराना और पीलिया की स्थिति गंभीर होती जा रही है। पीलिया के करीब 695 मामले सामने आए हैं । जो लगातार बढ़ रहा है। मामले कोरोना से 16 गुना अधिक है जो चिंता का विषय है। हर दिन करीब 30 नए मरीज के पीलिया के केवल रायपुर में मिल रहे हैं। अब तक रायपुर में दो लोगों की मौत सरकारी आकड़े में हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार शराब ब्रिकी को नई नीति बना कर केवल शराब के कारोबार को बढ़ाने लगी है। हम इसका विरोध करते है। एक ओर जहां शराबबंदी के नाम पर सत्ता में आई प्रदेश सरकार अब शराब बेचने में व्यस्त है। अब तो घर पहुँच सेवा की शुरूआत कर दी है। इस समय कोरोना और पीलिया पर अंकुश लगाना पहली प्राथमिकता में होना चाहिये।
उन्होंने ने कहा कि बिलासपुर में एक युवक की मौत हो गयी। जिसके शव को ले जाने वाहन तक उपलब्ध नही कराया गया जो दुखद है।
वही सवाल यह है कि दूषित पानी को लेकर अब जांच शुरू किया जा रहा है। जब इस समय पीलिया के मामले गंभीर होते जा रहे हैं और इससे पहले नगर निगम ने क्यों कोई प्रयास नहीं किया ? समय रहते कारगर कदम उठाया जाना था। इसके लिए जिम्मेदार कौन है कि प्रदेश के लोगों को स्वच्छ पानी भी नहीं मिल पा रहा है। प्रदेश सरकार को गंभीरता से पीलिया पर चिंता करना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि स्थिति भयावह होने पर पीलिया प्रभावित इलाकों में स्वास्थ शिविर लगाए जा रहे हैं, इससे पहले ही इन इलाकों में तभी बेहतर पेयजल की सुविधा कर दी जाती तो तस्वीर भयावह इतना नहीं होता।
उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश सरकार पीलिया को लेकर आकड़े छुपाने में लगी हुई है।जब प्रदेश में पीलिया की हालत गंभीर होने लगी है,तब प्रदेश के कई नगर निगम इलाकों में अभी नई पाइप लाइन बिछाई जा रही हैं इसका तो पहले से सर्वे करवाकर पाइपलाइन बिछाया जाता तो शायद स्थिति आज ऐसी नहीं होती जो निर्मित हो चुकी है।
अब तो हालत यह है कि रायपुर नगर निगम के अधिकारी- कर्मचारियों भी पीलिया से पीड़ित होते जा रहे है। चिंता की बात यह है कि जो लोग इस समय पीलिया से लड़ने को तैनात थे उन्हें पीलिया होने लगा है।
उन्होंने कहा कि रायपुर में इतनी भयावह स्थिति है कि पीलिया को लेकर रायपुर नगर निगम की तरफ से चलाए जा रहे अभियान नाकाफी है जिसके चलते मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस समय में रायपुर के मेकाहारा अस्पताल में करीब 73 मरीजों का उपचार चल रहा है। लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है।वक्त रहते नगर निगमों की तरफ से पीलिया को लेकर विशेष अभियान चलाया जाता तो शायद आज स्थिति ऐसी नहीं होती जैसी निर्मित हुई है।
पीलिया से लोगों की हो हुई है वह मौतें पीड़ादायक है। हम सभी दुखी है और इस समय गंभीरता से काम करने की जरूरत है प्रदेश के सभी जिलों में पीलिया को लेकर विशेष अभियान चलाया जाना चाहिए ताकि पीलिया को लेकर गंभीर स्थिति निर्मित ना हो और इसके अलावा ही पीलिया से के चलते जिन लोगों की दुखद निधन हो गया है उन्हें सरकार को मुआवजा देना चाहिए।रायपुर, बिलासपुर के साथ-साथ प्रदेश के अन्य जिलों में भी पीलिया में पैर पसारने लगा हैं। इस पर सरकार कहीं भी गंभीर नही है।