कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह से पुछा की रमन सिंह बताए कांग्रेस सरकार की किस योजना के कारण वित्तीय प्रबंधन उन्हें बिगड़ा लग रहा?
वित्तीय प्रबंधन बिगड़ने के रमन के आरोप राजनीति प्रेरित भ्रम फैलाने वाला – कांग्रेस
रायपुर — पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के द्वारा राज्य का वित्तीय प्रबंधन फेल होने के आरोप को कांग्रेस ने बेबुनियाद राजनीति प्रेरित और भ्रम फैलाने वाला बताया है। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन सिंह बार-बार नई सरकार पर आरोप लगा रहे है कि वित्तीय प्रबंधन फेल हो गया वे बताएं कि छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने अपने तीन महीने के अल्पकार्यकाल में ऐसा क्या निर्णय ले लिया जिसके कारण उन्हें राज्य का वित्तीय प्रबंधन बिगड़ा हुआ नजर आ रहा है? नई सरकार ने ऐसा कौन सा फिजूलखर्ची वाला निर्णय ले लिया है जो उसे नही करना था? रमन सिंह बताएं कि कांग्रेस सरकार की कौन सी योजना को वो गलत मानते है जिसे कांग्रेस सरकार को नही करना था? किसानों का कर्ज माफ करना गलत है?
धान की खरीदी 2500 रु. प्रति क्विंटल में करना गलत है?
सिंचाई कर माफ करना गलत है?
तेंदूपत्ता संग्रहण का मानदेय 2500 रू. से बढ़ाकर 4000 रु. करना गलत है?
शिक्षकों के वर्षो से खाली पड़े 45000 पदों में से 15000 नई भर्तियां करना गलत है ?
कोण्डागांव में मक्का प्रसंस्करण उद्योग लगाना गलत है?
गरीबो की बिजली के दाम आधा करना गलत निर्णय है ?
रमन सिंह यदि बार बार आरोप लगा रहे है तो आरोप का कारण भी जनता को बताना चाहिये ।कांग्रेस सरकार ने अभी तक किसी बड़े नए निर्माण कार्य को स्वीकृति नही दी ,जिसे फिजूल खर्ची बताया जा सके। जो योजनाए है वो यही है रमन सिंह बताए इनमे से कौन सी योजना गलत और जनहित के खि़लाफ है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन सरकार पन्द्रह साल के वित्तीय कुप्रबन्धन और कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार केंद्रित निर्माण कार्यो के कारण छत्तीसगढ़ की नई सरकार को विरासत में भाजपा सरकार ने 50,000 करोड़ का कर्ज दिया है। रमन सिंह अपनी सरकार की नाकामियों का ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ना बन्द करे और धैर्य रखें, जनता ने कांग्रेस को सरकार चलाने का अवसर दिया है। तीन महीने में ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी सरकार के द्वारा लिए गए निर्णय और उसकी प्राथमिकताएं बता रही है कि नई सरकार रमन सिंह से बेहतर काम कर रही है अब विकास की प्राथमिकता में सिर्फ कांक्रीट के जंगल खड़े करना ही नही है। राज्य के ढाई करोड़ लोगों की उन्नति और खुशहाली के नए रोजगार के नए अवसर बनाना है कुछ इमारतें कम भी बनेगी तो चल जाएगा लेकिन स्कूलों में शिक्षक नही है अस्पतालों में डॉक्टर नही है, यह कैसे चलाया जा सकता है?