21 जून अंतरराष्ट्रीय योग दिवस : योग से मन स्वस्थ और तन होता है सुंदर, योग तनाव से दिलाता है निजात ।
रायपुर 20 जून 2020 — कोरोना वायरस के चलते इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का महत्व और बढ़ गया है। योग से कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है क्योंकि शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए योग एक आसान और अच्छा साधन है। साथ ही तनाव को भी ध्यान (मेडिटेशन) लगाकर दूर किया जा सकता है ।
अंतर राष्ट्रीय योग दिवस हर वर्ष 21 जून को मनाया जाता है। सामाजिक दूरी के नियम को मानते हुए इस वर्ष इस दिन की थीम : “ घर पर योग और परिवार के साथ योग’’ राखी गयी है और लोगों से घर पर ही योग करने की सलाह दी गयी है।
वर्तमान में क्वारंटाइन सेंटरों में भी योग करने की सलाह दी जा रही है । प्रवासी लोग नियमित रूप से योग करके दिन की शुरुआत कर रहे हैं जिससे वह शारीरिक रूप से स्वास्थ्य और मानसिक रूप से तनाव मुक्त रह सकें।
मन को स्वस्थ रखने के लिए योग क्रियाएं रामबाण की तरह होती है । मनोचिकित्सकों का मानना है योग शरीर को जितना सुंदर बनाता है उतना ही मन को भी स्वस्थ करता है । भारतीय संस्कृति में योग का एक महत्वपूर्ण स्थान है ।
जिला अस्पताल पंडरी में स्थित स्पर्श क्लीनिक के मनोचिकित्सक डॉ. अविनाश शुक्ला ने बताया शरीर को स्वास्थर रखने और बीमारियों को दूर भगाने के लिए योग सबसे अच्छा और सरल तरीका है। योग शारीरिक ही नहीं ब्लकि योग करने से मानसिक स्वास्थ्य की समस्या से भी बचा जा सकता हैं।
डॉ.शुक्ला ने कहा योग से मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं जैसे एंजाइटी, चिंता, तनाव, डिप्रैशन और पोस्ट-ट्रमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर आदि को दूर किया जा सकता है। इसके साथ ही योग से विचार करने की क्षमता, समझने की शक्ति और स्मरण शक्ति भी बढ़ती है।
उन्होंने कहा योग के माध्यम से नशे को रोका और छोड़ा जा सकता है। योग से शरीर और आत्मा पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभावों को बढाया जा सकता है। योग भी नशा मुक्ति का एक उपयुक्त तरीका है जिससे नशा मुक्ति समाज का निर्माण किया जा सकता है। साथ ही नशा मुक्ति के समय उत्पन्न होने वाले लक्षणों को भी योग से नियंत्रित किया जा सकता है ।नशा मुक्ति में योग अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है ।
स्पर्श क्लीनिक के योग गुरु राधेश्याम साहू ने बताया योग से दिमाग शांत रहता है। शवासन मेडिटेशन करने के लिए योग की सबसे अच्छी मुद्रा है ।एकाग्र भाव से ध्यान लगाने सेमनुष्य को आत्मिक शांति प्रदान होती है । ध्यान एक प्रकार की क्रिया है, जिसमें मनुष्य अपने मन को चेतन की एक विशेष अवस्था में लाने की कोशिश करता है।बालासन नर्वस सिस्टम को शांत करने में और प्रभावित ढंग से माइग्रेन के दर्द को कम करने में मदद करता है।वज्रासन में घुटने,कमर, और मस्तिष्क को लाभ होता है । उत्तानासन तनाव, डिप्रैशन को दूर करने के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा करता है। विपरीत करनी आसन शरीर में रक्त प्रवाह को ठीक करने के साथ मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाता है।