भाजपा का सवाल : राज्य सरकार बताए, कोरोना की रोकथाम के लिए वह कौन-से प्रभावी क़दम उठा रही है?

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साय ने जानना चाहा : पीएम से अधिकार मांगकर सीएम ने डीएम को सौंप दिया, सरकार कब सक्रिय भूमिका में नज़र आएगी?

 

 

रायपुर — भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर प्रदेश सरकार पर फिर जमकर निशाना साधा और सवाल किया है कि राज्य सरकार सात दिनों के लॉकडाउन में कोरोना की रोकथाम के लिए कौन-कौन-से प्रभावी क़दम उठा रही है? श्री साय ने कटाक्ष किया कि प्रदेश के सीएम (मुख्यमंत्री) ने लॉकडाउन आदि का अधिकार पीएम (प्रधानमंत्री) से मांगकर वह अधिकार डीएम (ज़िला कलेक्टर्स) को सौंप दिया! आख़िर प्रदेश सरकार कोरोना की रोकथाम के लिए कब सक्रिय भूमिका में नज़र आएगी?
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि कोरोना संक्रमण की शुरुआत से ही उसकी रोकथाम के व्यापक प्रबंध करना प्रदेश सरकार की ज़िम्मेदारी थी, लेकिन अपनी इस ज़िम्मेदारी से मुँह मोड़े बैठी रही सरकार ने अपनी तैयारियों का पूरा वक़्त सियासी नौटंकियों, केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ बेसिर-पैर की बयानों और चिठ्ठीबाजी में जाया कर दिया। प्रदेश सरकार ने न तो टेस्टिंग लैब की संख्या बढ़ाने की चिंता की और न ही पर्याप्त उपचार के लिए कोविड-19 अस्पतालों को लेकर संज़ीदा दिखी। राजधानी के मेकाहारा अस्पताल से एक कोरोना संक्रमित मरीज की फरारी पर तंज कसते हुए श्री साय ने कहा कि प्रदेश सरकार कोरोना के हर मोर्चे पर अपने नाकारेपन का प्रदर्शन करती दिखी है। न तो उसने कोरोना और लॉकडाउन अवधि में परेशान लोगों की सहायता का कोई काम किया, न ज़रूरतमंद श्रमिकों व ग़रीबों के खाते में एक रुपया तक जमा कराया और न ही प्रवासी श्रमिकों की वापसी के मामले में संवेदनशील रही।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि प्रदेश भाजपा कोरोना की रोकथाम को लेकर प्रदेश सरकार को लगातार आगाह कर अपनी सलाह देती रही लेकिन सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार अपने सत्तावादी अहंकार में चूर रहकर इन चेतावनियों व सलाहों को अनसुना करती रही। इसी का नतीजा है कि आज प्रदेश में कोरोना का संक्रमण इस विस्फोटक स्तर पर पहुँच गया है और प्रदेश सरकार अब भी कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए आधे-अधूरे मन से काम कर रही है। प्रदेश के क्वारेंटाइन सेंटर्स आज भी नारकीय यंत्रणा के केंद्र बने हुए हैं। श्री साय ने कहा कि कोरोना की रोकथाम को लेकर प्रदेश सरकार शुरू से ही लापरवाही का परिचय देती रही और अब जबकि पानी सिर से ऊपर गुजरने लगा तब सरकार को होश आया है। अब वह सरकारी तौर पर स्वास्थ्य विभाग में भर्ती का वह काम कर रही है जो उसे पिछले दिसंबर माह तक कर लेना था। श्री साय ने कहा कि लॉकडाउन पूरे प्रदेश में एकसाथ घोषित करने की ज़रूरत थी। मौज़ूदा व्यवस्था में न तो कोरोना संक्रमण पर प्रभावी रोक लगेगी और न ही लॉकडाउन को कोई औचित्य रह जाएगा।

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