स्कूल शिक्षा मंत्री ने सूरजपुर जिले में ’सीख’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया ।

0
रायपुर, 26 अगस्त 2020 — कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए स्कूल बंद हैं, ऐसी स्थिति में बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम द्वारा आज अपने निवास कार्यालय से सूरजपुर जिले में ’सीख’ कार्यक्रम का ऑनलाइन शुभारंभ किया। सीख कार्यक्रम के माध्यम से पालकों और समुदाय की सहभागिता से बच्चों के लिए मनोरंजक और सरल तरीके से सीखने-सिखाने की अभिनव पहल की गई है। सीख कार्यक्रम स्कूल शिक्षा विभाग एवं यूनीसेफ के संयुक्त तत्वाधान में तैयार किया गया है। इसका कार्यक्रम का संचालन स्वैच्छिक सीख मित्रों द्वारा होगा। यह कार्यक्रम राज्य के 10 जिलों रायपुर, सूरजपुर, दंतेवाड़ा, बस्तर, नारायणपुर, बीजापुर, सुकमा, जशपुर, धमतरी और रायगढ़ में संचालित है। सूरजपुर जिले में इसकी शुरूआत समर्थ चैरिटेबल ट्रस्ट के सहयोग से ओड़गी और प्रतापपुर विकासखण्ड से की गई है। इस कार्यक्रम से 8 हजार से अधिक युवा स्वैच्छिक मित्र जुड़े हैं।
मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि सीख कार्यक्रम निश्चित रूप से उन क्षेत्रों में जहां डिजिटल शिक्षा की पहुंच नहीं हो पा रही है, वहां इसक माध्यम से बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराने में सहायक होगा। इससे डिजिटल शिक्षा की गैप फिलिंग हो सकेगी। मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा कि सीख कार्यक्रम कक्षा पहली से दसवीं के बच्चों के लिए सीखने की निरंतरता सुनिश्चित करेगा। राज्य सरकार द्वारा भी बच्चों की पढ़ाई की निरंतरता के लिए कई कदम उठाए गए हैं। उन्होंने यूनीसेफ और उसके सहयोगी संगठन समर्थ चैरिटेबल ट्रस्ट एवं प्रयाग सेवा संस्थान के प्रयासों की सराहना की। डॉ. टेकाम ने कहा कि इस कार्यक्रम में ’रूम टू रीड’ और ’प्रथम’ बुक्स संस्थाओं का तकनीकी सहयोग सराहनीय है। सीख कार्यक्रम में अभिभावकों और अन्य कोई भी स्वयंसेवक जो बच्चों को सीखने-सिखाने में मदद करना चाहते हैं, उन्हें वाट्सअप ग्रुप के माध्यम से सीखने की सामग्री को साझा की जाएगी। इसका उपयोग बच्चों के साथ मिलकर घर या समुदाय स्तर पर किया जा सकेगा। सीख कार्यक्रम के अंतर्गत सूरजपुर जिले के विकासखण्ड ओड़गी में 187 से अधिक स्वैच्छिक सीख मित्र हैं, जो 64 ग्राम पंचायतों के बच्चों को स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम की पहल से जोड़ने में सहयोग कर रहे हैं। सीख पिटारा स्वैच्छिक सीख मित्रों को भाषा, गणित, विज्ञान और खेल में विभिन्न गतिविधियों के संचालन में मदद करता है।
छत्तीसगढ़ में यूनीसेफ कार्यालय के प्रमुख श्री जॉब जचारिया ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य ने सामुदायिक स्तर पर बच्चों के सीखने को सुनिश्चित करने के लिए देश में एक अभिनव मॉडल ’सीख’ कार्यक्रम की शुरूआत की है। सीख कार्यक्रम के तहत प्रत्येक गांव के लिए एक सीख मित्र होता है, जो दिन में कम से कम दो घंटे सामुदायिक स्तर पर बच्चों के सीखने को सुनिश्चित करता है। चूंकि सीख कार्यक्रम डिजिटली गैप फिलिंग का कार्यक्रम है, इसलिए सीख मित्र डिजिटल डिवाइस के लिए सेतू का कार्य करता है। शिक्षण स्थानीय और आदिवासी मातृभाषा में दिया जाता है। कोरोना संक्रमण काल को देखते हुए यह शिक्षा की पहुंच प्रत्येक बच्चे तक बनाने का सशक्त माध्यम है। इसका अनुसरण अन्य राज्यों को भी करना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *