प्रदेश सरकार कोरोना के मामले में कितनी संवेदनक्षम है, यह उसकी कार्यप्रणाली से एकदम साफ़ हो रहा है — डॉ. रमन

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भयावह कोरोना संकट में भी प्रदेश सरकार को झूठे दावे और प्रचार करके वाहवाही बटोरने की सूझी पड़ी है: भाजपा

बघेल ने राजनीतिक प्रतिशोध की ओछी मानसिकता का परिचय देकर स्मार्ट कार्ड और आयुष्मान भारत योजनाओं को बंद किया ।

 

 

रायपुर — भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ में तेज़ी से बढ़ते जा रहे कोरोना संक्रमण को लेकर प्रदेश सरकार की हर मोर्चे पर शर्मनाक विफलता पर तीखा हमला बोला है। डॉ. सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार कोरोना के ख़िलाफ़ जारी ज़ंग के लिए न तो संसाधन जुटाकर उपलब्ध करा पा रही है, न संक्रमण के फैलाव को रोक पा रही है, न अस्पतालों में कोई व्यवस्था कर पा रही है, न मरीजों को इलाज के लिए अस्पतालों में बिस्तर दिला पा रही है। डॉ. सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार के रवैए से संत्रस्त प्रदेश का हर वर्ग अब कोरोना काल में अपनी जान दाँव पर लगाकर रोज़ हज़ारों की संख्या में सड़क पर आंदोलन करने उतर रहा है, जिससे संक्रमण का ख़तरा और फैलाव प्रदेश स्तर पर होने की आशंका बलवती होती जा रही है। प्रदेश सरकार अब इन आंदोलनों को भी रोक नहीं पा रही है।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि प्रदेश ने देश और राजधानी ने देश के कई बड़े शहरों को कोरोना संक्रमण के फैलाव में पीछे छोड़ दिया है और ऐसी भयावह स्थिति में भी प्रदेश सरकार को झूठे दावे और प्रचारित करके वाहवाही बटोरने की सूझी पड़ी है। डॉ. सिंह ने कहा कि भाजपा की पूर्ववर्ती प्रदेश सरकार और केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपानीत राजग सरकार अपने पहले कार्यकाल में स्वास्थ्य सुविधा देते हुए क्रमश: स्मार्ट कार्ड और आयुष्मान भारत योजना के तहत ज़रूरतमंद मरीजों को नि:शुल्क इलाज दे रही थी। प्रदेश सरकार ने 50 हज़ार रुपए तक और केंद्र सरकार ने 05 लाख रुपए तक के इलाज को नि:शुल्क कर दिया था। लेकिन सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजनीतिक प्रतिशोध की ओछी मानसिकता का परिचय देकर इन दोनों ही योजनाओं को बंद कर दिया। डॉ. सिंह ने कहा कि यदि प्रदेश सरकार ने जनकल्याण की इन योजनाओं को जारी रखा होता तो आज प्रदेश के लोगों को कोरोना समेत अन्य बीमारियों के इलाज में राहत मिलती।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि युनिवर्सल हेल्थ स्कीम और 20 लाख रुपए तक के नि:शुल्क इलाज के ढोल पीटने वाली प्रदेश सरकार आज प्रदेश के लोगों को पैसे चुकाकर अपना इलाज कराने की बात करती ज़रा-सी भी शर्म महसूस नहीं कर रही है। मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री की फोटो के साथ डिजाइन बनवाकर प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न अस्पतालों में इलाज की तय राशि भी अंकित की गई है और प्रदेश सरकार इसे भी अपनी उपलब्धि के तौर पर ही प्रचारित कर रही है। डॉ. सिंह ने जानना चाहा कि जब प्रदेश के मुख्यमंत्री बघेल और स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव युनिवर्सल हेल्थ स्कीम और इलाज के लिए 20 लाख रुपए की सहायता की बड़ी-बड़ी डींगें हाँकते फिर रहे हैं तो अब ज़रूरतमंदों को नि:शुल्क इलाज मुहैया क्यों नहीं कराया जा रहा है? कोरोना संकट के चलते लोग एक तो वैसे ही आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, ऊपर से सरकार द्वारा निर्धारित राशि प्रदेश के लोगों को गहन आर्थिक व मानसिक परेशानियों में डाल रही है। प्रदेश सरकार कोरोना के मामले में कितनी संवेदनक्षम है, यह उसकी कारस्तानियों से एकदम साफ़ हो रहा है।

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