दुर्लभ रेटिना सर्जरी अब SGVEH में सफलतापूर्वक आयोजित…. अब गुणवत्ता पूर्ण रेटिना सर्जरी के लिए राजधानी से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है

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• मधुमेह (डायबिटीस) के रोगियों में रेटिना सम्बंधित समस्या अधिक होती है। आंखों में खून के रिसाव के कारण आँखों कि जटिल सर्जरी की गई.
• कारखाने में काम करते समय, छोटे धातु के टुकड़े ने आंख में प्रवेश किया और रेटिना को क्षतिग्रस्त कर दिया जिसे सफलतापूर्वक हटा दिया गया
• कई बार तीव्र दृष्टिहानि रेटिना के अलगाव के साथ जुड़ी होती है जिसमें सर्जरी की सर्वप्रथम आवश्यकता होती है। इस तरह के जटिल मामलों को भी सफलतापूर्वक संचालित किया गया।
• श्री गणेश विनायक आई हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने एक छत के नीचे 24×7 पूर्ण रेटिना देखभाल समाधान प्रदान करने के लिए कदम आगे बढ़ाया है ।

 

रायपुर – 26 / 5 / 2019 — आपकी आंख के पीछे रेटिना फोकस सतह है। आपके रेटिना को कोई नुकसान, जैसे कि रेटिना का अलगाव अचानक अंधेपन का एक संभावित कारण है। इसके अलावा कुछ अन्य स्थितियों में आंख के भीतर विट्रस ‘जेल’ में रक्त का रिसाव हो सकता है। यह आँख के भीतर vitreous में होने वाले अत्यधिक रक्तस्त्राव के रूप में जाना जाता है। यदि ऐसा होता है, तो यह उस प्रकाश को अवरुद्ध कर सकता है जो आंख में प्रवेश करता है, जिससे अचानक धुंधली दृष्टि, या आपकी दृष्टि के भीतर धब्बे दिखाई देना आदि समस्यायें उत्त्पन्न हो सकती हैं, इसीलिए जब भी आप किसी भी तरह के बदलाव को देखते हैं, तो नेत्र सलाहकार से जल्द से जल्द संपर्क करें। डॉ. चारुदत्त कलमकर ने श्री गणेश विनायक आई हॉस्पिटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राज्य में की गई दुर्लभ सफल रेटिना सर्जरी के बारे में बताते हुए मीडियाकर्मीयों को संबोधित किया।

राज्य का प्रसिद्ध नेत्र चिकित्सालय, श्री गणेश विनायक आई हॉस्पिटल ने एक बार फिर दुर्लभ रेटिना नेत्र शल्य चिकित्सा के क्षेत्र में मील का पत्थर बन सफलता के पद चिन्हों पर आगे बढ़ते हुए अन्य लोगों के लिए नए मानदंडों का निर्माण किया है. जिसके लिए अब तक राज्य के रोगियों ने विभिन्न राज्यों एवं देशों के विभिन्न हिस्सों की यात्रा करनी पड़ती थी। यहाँ देश भर के सर्वश्रेष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञों की मदद से एक छत के नीचे 24X7 उपलब्ध रहते हुए सभी गुणवत्ता पूर्ण नेत्र समाधान प्रदान करने की प्रतिबद्धता के अनुरूप कार्य कर रहें हैं। डॉ. जयेश पाटिल जो कि एक वरिष्ठ रेटिना विशेषज्ञ हैं तथा प्रसिद्ध शंकर नेत्रालय, चेन्नई से प्रशिक्षित एवं अनुभवी है। वह जटिल रेटिना रोगों के इलाज के लिए SGVEH में 24 * 7 उपलब्ध है।

सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ में निम्न वित्तीय वर्ग वाले कई रेटिना मरीज, जो पहले उपचार का खर्च वहन करने में असमर्थ थे, अब श्री गणेश विनायक आई हॉस्पिटल में उचित दरों में आंखों की देखभाल का लाभ उठा रहे हैं। SGVEH रेटिना सर्जरी के भरोसेमंद पर्याय के रूप में उपस्थित है। डॉक्टरों की समर्पित, केंद्रित और अनुभवी टीम द्वारा 1000 से अधिक रेटिना रोगों को सफल रेटिना सर्जरी द्वारा ठीक किया गया है।

जांजगीर चांपा के मरीज़ श्री हीरालाल साहू कि आंख के अन्दर लोहे का टुकड़ा चले जाने से चोंट लग के रेटिना क्षतिग्रस्त होने के आघात का सामना करना पड़ा। रोगी की वित्तीय स्थिति उसे सर्जरी का खर्च उठाने की अनुमति नहीं दे रही थी। SGVEH ने अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को ध्यान में रखते हुए इस मरीज का उपचार कम से कम कीमत पर किया। यह एक जटिल सर्जरी थी जिसमें लोहे के टुकड़े को हटाने और रेटिना क्षति की मरम्मत शामिल थी।

महासमुंद निवासी, 34 वर्षीय गोविंद निषाद, ने अचानक दृष्टि हानि की शिकायत की। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें कभी भी दर्द का अनुभव नहीं हुआ, लेकिन अचानक वह चित्रों को पूर्ण रूप से देखने में असमर्थ हैं। डॉ. जयेश पाटिल ने इसे विटरियस हेमरेज के रूप में निदान किया। प्रारंभिक निदान और उपचार ने उनकी दृष्टि वापस लौटायी।

कई बार तीव्र दृष्टि हानि रेटिना के अलगाव के साथ जुड़ी होती है जिसे शुरुआती सर्जरी की आवश्यकता होती है। महासमुंद, बालोद और बिलाईगढ़ निवासी मोहन पांजे, शोभा साहू और मनहरण दास के ऐसे जटिल मामले भी एसजीवीएचएच में सफलतापूर्वक संचालित किए गए और सर्जरी के बाद मरीज को दृष्टि मिली।

श्री गणेश विनायक आई हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. अनिल गुप्ता ने कहा, “हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि हम अपने अस्पताल में सफलतापूर्वक रेटिना सर्जरी का सफल संचालन कर रहे हैं। मैं वास्तव में यह देखकर सम्मानित महसूस कर रहा हूँ कि हम अपने उपचार के माध्यम से मरीज़ के भरोसे को सही ठहराने में सक्षम हैं। अब वे मरीज जो क्वालिटी आई प्रत्यारोपण सर्जरी के लिए राज्य से बाहर यात्रा कर रहे थे, निस्संदेह हमारे यहाँ कम दरों पर और गुणवत्तापूर्ण इलाज के लिए आ सकते हैं। ”

श्री गणेश विनायक आई हॉस्पिटल के बारे में –
पिछले चार वर्षों से देश की रोकी जा सकने वाली दृष्टिहीनता की समस्या के खिलाफ जूझ रहे श्री गणेश विनायक आई हॉस्पिटल ने पिछले तीन वर्षों में 40,000 से अधिक मोतियाबिंद सर्जरी की है। यह 50 बेडेड हॉस्पिटल नवीनतम उपकरणों और नई तकनीकों से सुसज्जित है। पचपेडी नाका, कलर्स मॉल के सामने, न्यू धमतरी रोड, रायपुर, स्थित यह सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल डॉ. चारुदत्त कलमकर (एम्स), डॉ. अनिल गुप्ता (शंकर नेत्रालय), डॉ. विनय जायसवाल, और डॉ. सुनील मल्ल (एम्स) के मार्गदर्शन में, उपचार की कम लागत पर एक छत के नीचे अंतरराष्ट्रीय मानक व्यापक नेत्र देखभाल सुविधा प्रदान कर आम लोगों की पहुंच में है।

 

पुरस्कार एवं सम्मान —

श्री गणेश विनायक आई हॉस्पिटल ने कई पुरस्कार जीते, जिन मे से कुछ है :
• “बेस्ट आई हॉस्पिटल इन छत्तीसगढ़” पुरस्कार से सम्मानित किया गया जो कि पद्म भूषण के. के. अग्रवाल द्वारा ग्लोबल हेल्थ एक्सेल्लांस अवार्ड्स के अंतर्गत दिया गया.
• छत्तीसगढ़ लीडरशिप अवार्ड्स के अंतर्गत “बेस्ट इमर्जिंग आई हॉस्पिटल इन छत्तीसगढ़” पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
• गरीब और जरूरतमंदो को सुविधाए प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमण सिंह द्वारा SGVEH को धन्वन्तरी सम्मान पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
• स्मार्ट हॉस्पिटल ऑफ़ दी इयर इस केटेगरी में SGVEH को बेस्ट आई हॉस्पिटल के पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
• नेशनल क्वालिटी अचीवर्स अवार्ड – 2015
• मोस्ट ट्रस्टेड आई केयर यूनिट इन छत्तीसगढ़ अवार्ड (Zee News-MP/CG) – 2016
• ग्लोबल आई केयर एक्सेल्लांस अवार्ड (ETV – MP/CG) – 2017
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For Further Information:
Anubhuti Srivastava
Sanvi Solutions
M:7879755556

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