नहीं मिल रही सूचना के अधिकार के तहत जानकारी आवेदन देकर भटक रहे लोग

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Taja Khabar

भ्रष्टाचार का नहीं हो रहा पर्दाफाश जिले के ग्राम पंचायत व जनपद कार्यालयों में सूचना के अधिकार अधिनियम कि खुले आम धज्जियां उडाई जा रही है इसके चलते जानकारी लेने वाले पक्षकारों को भटकना पड रहा है और भ्रष्टाचार को बल मिल रहा हैं सरकारी कार्यो में पारदर्शी बनाने के लिए केंद्र सरकार सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 में लागु किया गया है जिसे संविधान के अनुच्छेद 101 के तहत एक मूलभूत अधिकार का दर्जा दिया गया है जिसके तहत प्रत्येक नागरिक को बोलने और अभिव्यक्ति कि स्वतंत्रता दी गई हैं और उसे यह जानने का अधिकार हैं कि सरकार कैसे कार्य कर रही है इसकी क्या भूमिका है सूचना के अधिकार के तहत प्रत्येक नागरिक को सरकार से और अन्य विभागो से प्रशन पूछने का अधिकार देता है इसमें टिप्पणीयां सारांश अथवा दस्तावेजों एवं अभिलेखों की प्रमाणित प्रतियां व सामन्ती के प्रमाणित नमूनों की मांग की जा सकती है लेकिन मालखरौदा ब्लाक के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत पिरदा व जनपद कार्यालय मालखरौदा द्वारा इस महत्वाकांक्षी योजना की अनदेखी कर नागरिक अधिकारों की खुलेआम धज्जियां उडाई जा रही है और लोगों के अधिकारों से खिलवाड़ किया जा रहा है ऐसे में पक्षकारों को जानकारी के लिए भटकना पड रहा है मालखरौदा ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत पिरदा निवासी खोलबहरा रात्रे द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत 2005 के अनुसार ग्राम पंचायत द्वारा वर्ष 2017 -18 का सामुदायिक भवन का जानकारी मांगी गई हैं साथ ही गोसारा व केश बुक कि सुची व सत्य छाया प्रति कि सूची के संबंध मे जानकारी मांगी गई मगर पंचायत द्वारा अधिनियम कि धज्जियां उडाई जा रही और लगभग 5 – 6 माह बित जाने के बाद भी प्रार्थी को उक्त संबंधमें जानकारी उपलब्ध नही कराई गई ऐसे में प्रार्थी ने प्रथम अपीलीय अधिकारी मालखरौदा जनपद पंचायत कार्यालय में 26/02 /019 फरवरी को 50 पोस्टल आर्डर के साथ आवेदन प्रस्तुत किया गया मगर दो माह से उपर बीत जाने के बाद भी प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा उक्त संबंध में कोई जानकारी नही दी नहीं गई, इससे क्षुब्ध हो कर प्रार्थी ने जानकारी के लिए सूचना आयोग के पास अपील किया है ।खास बात यह है कि पिरदा सचिव ने यह जानकारी दी कि मुख्य कार्य पालन अधिकारी को जवाब दे दिया गया है । अब इस पुरे मामले में नन्दकिशोर रात्रे पिरदा सचिव मुख्य कार्य पालन अधिकारी का कहना है कि देखेगे ….. सूचना जाने के अधिकार के तहत जानकारी दे देगे, अभी 70 दिन ही तो हुए हैं ।

 

 

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