प्रधानमंत्री आवास योजना के आवास मित्रों से अवैध वसूली

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मालखरौदा — प्रधानमंत्री आवास योजना के आवास मित्रों से अवैध वसूली, जातिगत भेदभाव एवं द्वेष से कार्य करने वाले खण्ड समन्वयक सौरभ साहू के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जबकि आवास मित्रों की शिकायत पर इस मामले की जांच छह माह पहले पूरी हो चुकी है। वहीं जनपद सीईओ के निर्देश पर गठित जांच टीम ने जांच में खण्ड समन्वयक सौरभ साहू द्वारा आवास मित्रों से अवैध उगाही किए जाने की पुष्टि भी कर दी है। मामला जनपद पंचायत मालखरौदा से संबंधित है ।

जानकारी के अनुसार, जनपद पंचायत मालखरौदा अंतर्गत कार्यरत आवास मित्रों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के खण्ड समन्वयक सौरभ साहू पर अवैध वसूली, जातिगत भेदभाव एवं द्वेष भावना से कार्य करने का आरोप लगाते हुए 12 नवंबर 2018 को जनपद सीईओ से शिकायत की थी। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जनपद सीईओ ने मामले की जांच के लिए 22 नवंबर 2018 को चार सदस्यीय जांच टीम गठित की, जिसमें सहायक आंकेक्षक लेखा परीक्षण एवं करारोपण अधिकारी रत्थूलाल डनसेना, सहायक आंकेक्षक लेखा परीक्षण एवं करारोपण अधिकारी विमलेश कुमार गबेल, सहायक आंकेक्षक लेखा परीक्षण एवं करारोपण अधिकारी रामरतन पटेल एवं सहायक आंकेक्षक लेखा परीक्षण एवं करारोपण अधिकारी देवलाल बंजारे को शामिल किया गया था।

जनपद सीईओ ने जांच टीम को तीन दिवस के भीतर शिकायत की जांच कर बयान एवं अभिमत सहित प्रतिवेदन जनपद कार्यालय मालखरौदा में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। सीईओ के निर्देश पर गठित जांच टीम 24 नवंबर 2018 को शिकायत की जांच के लिए पहुंची, तब खण्ड समन्वयक सौरभ साहू को कथन के लिए बुलवाया गया, लेकिन उन्होंने बयान नहीं दिया। इसकी जानकारी जांच टीम ने जनपद सीईओ को दी, तब 28 नवंबर 2018 को जनपद कार्यालय से लिखित में पत्र जारी किए जाने के बाद खण्ड समन्वयक सौरभ साहू ने अपना बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि उन पर लगाया गया आरोप पूर्णतः असत्य है।

वहीं आवास मित्रों ने जांच टीम के समक्ष अपना कथन दर्ज कराते हुए कहा कि खण्ड समन्वयक सौरभ साहू द्वारा आवास मित्रों से अवैध वसूली करते हुए भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है, जिसकी लिखित शिकायत करते हुए जांच की मांग की गई है। आवास मित्र गुलाबचंद ने अपने कथन में कहा कि खण्ड समन्वयक सौरभ साहू द्वारा 15 से 20 हजार रूपए की मांग की गई है, लेकिन उसने अब तक राशि जमा नहीं की है। आवास मित्र विजय साहू ने अपने कथन में कहा कि खण्ड समन्वयक सौरभ साहू ने 15 से 20 हजार रूपए की मांग की है, लेकिन उसने राशि नहीं दी है।

इसी तरह आवास मित्र रविन्द्र कुमार बर्मन ने कहा कि खण्ड समन्वयक सौरभ साहू द्वारा 15 से 20 हजार रूपए की मांग की गई है, किन्तु उसने अभी राशि जमा नहीं कराई है। आवास मित्र लखन कर्ष ने कहा कि खण्ड समन्वयक सौरभ साहू को मॉडल हाउस के लिए उसने दस हजार रूपए दिए हैं। इस तरह कुल 13 आवास मित्रों ने अपने कथन में खण्ड समन्वयक सौरभ साहू पर अवैध वसूली का आरोप लगाया।

उन्होंने अपने कथन में यह भी कहा कि खण्ड समन्वयक सौरभ साहू द्वारा जातिगत भेदभाव किया जाता है एवं चाही गई रकम नहीं देने पर पद से निकालने की धमकी दी जाती है। खास बात यह है कि शिकायत की जांच के छह माह बाद भी अवैध वसूली के इस मामले में खण्ड समन्वयक सौरभ साहू के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे जनपद सीईओ की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं।

11 आवास मित्रों से 15 से 20 हजार की मांग
मामले की शिकायत पर मालखरौदा क्षेत्र के कुल 16 आवास मित्रों का कथन एवं बयान दर्ज किया गया। जांच टीम के समक्ष 11 आवास मित्रों ने अपना कथन दर्ज करवाते हुए कहा कि खण्ड समन्वयक सौरभ साहू ने उनसे 15 से 20 हजार रूपए की मांग की तथा क्षेत्र आवंटन के लिए पांच से सात हजार रूपए मांगे। शिकायतकर्ता आवास मित्रों ने सभाकक्ष में अपने मुख से जांच टीम के समक्ष खण्ड समन्वयक सौरभ साहू पर अवैध वसूली का आरोप लगाया।

 

जांच टीम ने कहा-लेनदेन में संलिप्त है साहू

सभी पक्षों का कथन लेने के बाद जांच टीम ने अपने अभिमत में कहा कि खण्ड समन्वयक सौरभ साहू राशि की लेनदेन में संलिप्त है। उन्होंने राशि की उगाही के लिए पूर्ण रूप से राशि ली है, ऐसा प्रतीत होता है। जांच टीम ने यह भी अभिमत दिया कि खण्ड समन्वयक सौरभ साहू को निर्देशित किया जाता है कि किसी भी कार्यालय की छवि को ध्यान में रखते हुए कार्य निष्पादित करना चाहिए, किन्तु इस तरह की शिकायत, आरोप और प्रत्यारोप किया जाना उचित नहीं है। जांच टीम ने जांच रिपोर्ट के साथ अपना अभिमत 29 नवंबर 2018 को जनपद सीईओ को सौंप दिया था।

 

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