महिला एवं बाल विकास विभाग की राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक …

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आंगनबाड़ी केंद्रों की नियमित मॉनिटरिंग के निर्देश !
पोषण के साथ शाला पूर्व शिक्षा को सशक्त बनाने की जरूरत – डॉ.एम गीता
रायपुर — महिला एवं बाल विकास विभाग की आयुक्त सह सचिव डॉ.एम गीता की अध्यक्षता में आज राजधानी रायपुर स्थित न्यू सर्किट हाउस में दो दिवसीय राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक शुरू हुई। बैठक में डॉ.एम गीता ने योजनाओं की प्रगति की विस्तृत समीक्षा करते हुए अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
 डॉ.एम गीता ने कहा कि कुपोषण को दूर करना शासन की प्राथमिकता है, इसके लिए सजगता के साथ नियमित मॉनिटरिेंग की जरूरत है। उन्होेंने आगामी वजन त्यौहार के लिए अधिकारियों को इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीनों की जांच सहित अन्य आवश्यक तैयारी पूर्ण करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने  विभागीय कामकाज में कसावट लाने के लिए संचालनालय और जिला स्तर पर अधिकारियों को योजनाओं की प्रगति की नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मॉनिटरिंग के लिए मोबाइल और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जैसे आधुनिक तकनीकी का प्रयोग करें और आपसी समन्वय बनाकर काम करें। साथ ही उन्होंने योजनाओं की जिलेवार समीक्षा करते हुए कामकाज की गुणवत्ता बढ़ाने और योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभागीय कामकाज में लापरवाही बरतने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में विभागीय सचिव ने आंगनबाड़ी केन्द्रों की समीक्षा करते हुए कहा कि केन्द्र समय पर खुलें इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए। साथ ही इन केन्द्रों के सुचारू रूप से संचालन के लिए उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के नियमित प्रशिक्षण पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों सहित सभी कार्यालयों में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें और शौचालय और पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि इस वर्ष से वजन त्यौहार में किशोरी बालिकाओं के वजन और स्वास्थ्य परीक्षण को भी शामिल किया जाएगा,इसके लिए विभागीय अधिकरी सभी आवश्यक प्रबंध पहले से कर लें। उन्होंने कहा कि जनघोषणापत्र के अनुरूप आंगनबाड़ी केंद्रों को नर्सरी के रूप में विकसित किया जाना है,इसके लिए अधिकारी समुदायिक सहयोग लेकर अधिक से अधिक महिलाओं और किशोरियों को इस कार्य से जोड़ें। उन्होंने पोषण के साथ’-साथ आंगनबाड़ी केंद्रों में शाला पूर्व शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होनें अधिकारियों से मैदानी स्तर में कामकाज में आने वाली दिक्कतों की जानकारी ली और उसे यथासंभव दूर करने का आश्वासन दिया। बैठक में संचालनालय और राज्य के सभी 27 जिलों के महिला बाल विकास अधिकरी और कार्यक्रम अधिकारी उपस्थित थे।

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