नक्सल समस्या के समाधान हेतु शांति सुरक्षा-विकास के दृष्टिकोण पर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू की अध्यक्षता में परिचर्चा हुई सम्पन्न

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रायपुर — गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने वर्तमान में छत्तीसगढ़ की नक्सल समस्या के समाधान के लिए राज्य शासन के प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने नक्सल समस्या के समाधान के लिए उपयोगी रणनीति पर अपने सकारात्मक विचार व्यक्त कर परिचर्चा का शुभारंभ किया।
गृह विभाग द्वारा आज नवीन विश्राम गृह रायपुर में नक्सल समस्या के समाधान हेतु शांति सुरक्षा-विकास के दृष्टिकोण पर गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू की अध्यक्षता में परिचर्चा का आयोजन किया गया।
परिचर्चा में सिनर्जिया फाउंडेशन, बेंगलुरू के श्री टॉबी साईमन, डॉ. अंशुमान बेहेरा तथा श्री उपेन्द्र बघेल शामिल हुए। उनके द्वारा नक्सल समस्या के समाधान हेतु ‘शांति-सुरक्षा-विकास’ के मॉडल पर विभिन्न उग्रवाद-आतंकवाद ग्रस्त देशों में अपनाये गये मॉडल के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई।
मुख्य सचिव सुनील कुजूर के द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के वर्तमान नक्सल परिदृश्य के संबंध में शासन के समस्त विभागों के समग्र प्रयासों का विवरण देते हुए नक्सल क्षेत्र में सभी प्रकार की योजनाओं के अधिक प्रभावी तरीके से क्रियान्वयन की आवश्यकता बताई गई। पूर्व मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड द्वारा बस्तर क्षेत्र के समुचित विकास हेतु ‘बस्तर विकास योजना’ की आवश्यकता बताई गई।
अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह  सी.के. खेतान द्वारा नक्सल प्रभावित इलाके में उपलब्ध संसाधनों का स्थानीय लोगों के हित में विवेकपूर्ण उपयोग किए जाने की आवश्यकता बताई गई। प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी द्वारा प्रदेश की प्रचुर वन संपदा का जनजातियों के हित में सदुपयोग के संबंध में अपने विचार व्यक्त किए गए। पुलिस महानिदेशक (नक्सल अभियान) श्री गिरधारी नायक द्वारा बस्तर क्षेत्र में शांति एवं विकास हेतु सुरक्षा का वातावरण निर्मित करने की आवश्यकता बताई गई।
पुलिस महानिदेशक  डी.एम. अवस्थी द्वारा नक्सल समस्या के निदान हेतु विश्वसनीय पुलिसिंग के माध्यम से स्थानीय जनजातियों का विश्वास अर्जित करने की दिशा में छत्तीसगढ़ में तैनात सुरक्षा बलों द्वारा किए जा रहें प्रयासों का उल्लेखित किया गया। वरिष्ठ पत्रकार श्री सुनील कुमार, श्री दीपांकर घोष, श्री रितेश मिश्रा, श्री ज्ञानेन्द्र तिवारी तथा सुश्री रश्मि द्रोलिया के द्वारा भी परिचर्चा में अपने विचार व्यक्त किए।

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