आपातकाल भारतीय लोकतंत्र के इतिहास की कलंक गाथा — भाजपा

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लोकतंत्र के सेनानियों के प्रति राज्य सरकार का फैसला दुर्भावना प्रेरित और शर्मनाक

नई पीढ़ी को भी आपातकाल की यंत्रणाओं के बारे में बताना समय की मांग


रायपुर — भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने आपातकाल को भारतीय लोकतांत्रिक इतिहास में कांग्रेस की कलंक-गाथा बताते हुए आपातकाल के विरुध्द संघर्ष में शहीद हुए लोगों को अपनी श्रध्दाजंलि दी। श्री उसेंडी ने उन मीसाबंदियों को लोकतंत्र के सेनानियों का सम्मान देने की अपील की, जो आज भी आपातकाल के दंश की पीड़ा सह रहे हैं।
भाजपा अध्यक्ष श्री उसेंडी ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी सत्ता-लोलुप्ता को पूरा करने और अपनी हठवादिता के चलते 25 जून 1975 को देश पर आपातकाल थोपकर सारे लोकतांत्रिक अधिकारों व संवैधानिक मर्यादाओं को समाप्त कर पूरे देश को बेड़ियों में जकड़ने का काम किया। श्री उसेंडी ने कहा कि आपातकाल में निरपराध नागरिकों को बेवजह प्रताड़ित कर आतंकित किया गया और इसलिए लोकतंत्र में विश्वास रखने वाले सभी लोगों का यह दायित्व है कि वे इतिहास के इस काले पन्ने से देश की नई पीढ़ियों को बताएं ताकि देश फिर कभी ऐसी कलंक-गाथा का मूकदर्शक न बन सके।
श्री उसेंडी ने 1977 के चुनाव को रक्तहीन क्रांति का नाम दिया और कहा कि यह आपातकाल के विरुध्द स्वतंत्र देश में दूसरा स्वतंत्रता संग्राम था, जिसमें अनेकानेक लोग शहीद हो गए और अनेकानेक परिवार आज भी आपातकाल के दंश की वेदना सह रहे हैं। श्री उसेंडी ने कहा कि आपातकाल के इन योध्दाओं व लोकतंत्र सेनानियों को उचित सम्मान मिलना चाहिए लेकिन मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ के इन लोकतंत्र सेनानियों के साथ प्रदेश सरकारों ने जिस तरह दुर्भावना-प्रेरित फैसले किए हैं, वे न केवल शर्मनाक हैं, अपितु कांग्रेस के लोकतंत्र विरोधी चरित्र का परिचायक हैं।

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