बदलाव शिक्षा में आम आदमी पार्टी दिल्ली सरकार की विकास की सही राह — सूरज उपाध्याय

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रायपुर — छत्तीसगढ़ सिर्फ जुमला जंग में लगा है और दिल्ली की केजरीवाल सरकार दिल्ली को सिंगापुर की राह पर ले जा रही है -यह कहना है आम आदमी पार्टी के छग प्रदेश के संगठन मंत्री सूरज उपाध्याय का जब वे प्रदेश पार्टी संगठन को प्रेरित कर मजबूत कर रहे है।

उन्होंने कहा सिंगापूर को आजाद हुए ज्यादा वर्ष नही हुए है।जब वह आजाद हुआ तो वहाँ गरीबी,बेरोजगारी,आदि समस्याए थी। वहाँ की सरकार ने सोचा की देश की हालत ठीक नहीं व देश का विकास जरुरी है। उसने सोचा की बाहरी देश के इंजीनियर,डॉक्टर् आदि की सहायता ली जाये ।लेकिन फिर सोचा की एक समय बाद ये सब लोग अपने देश वापिस चले जायेगे व विकास ठप हो जायेगा व देश को पूरी तरह से इन पर निर्भर रहना पड़ेगा।

अतः सिंगापूर ने अपने यहाँ शिक्षा व स्वास्थ्य पर अपना बजट का बड़ा हिस्सा लगाया ताकि लोग शिक्षित होकर देश का विकास करे।
सिंगापूर का सोचना बिलकुल ठीक था व आज अपनी मजबूत शिक्षा प्रणाली से आज वह विकसित देशों की श्रेणी में है और विश्व में केवल 14-15 देश ही विकसित है।
इसी प्रकार आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार भी बजट का 25%शिक्षा पर खर्च कर रही है व आज विश्व के कई देश दिल्ली के स्कूलों में हो रहे अभूतपूर्व सुधारों को देखने आ रहे है।

(1) आजादी से लेकर 2015 तक दिल्ली में लगभग 22000 कमरे सरकारी स्कूलों मे बनवाये गए परन्तु केजरीवाल सरकार ने अपने 5 साल के कार्यकाल पूरा होने तक दिल्ली के सरकारी स्कूलों में लगभग 21000 नए कमरों का निर्माण हो चूका होगा अर्थात 70 सालो में जितने कमरे सरकारी स्कूलों में बने उतने कमरे दिल्ली आप सरकार केवल अपने 5 साल के कार्यकाल में बनावा लेगी।

इसके अतिरिक्त केजरीवाल सरकार ने सरकारी शिक्षकों के गिरे हुए मनोबल को उठाने के लिए उन्हें समय समय पर कैंब्रिज,हार्वर्डयूनिवर्सिटी, सिंगापूर,फ़िनलैंड आदि देशो मे ट्रेनिंग के लिए भेजा व IIM अहमदाबाद,लखनऊ आदि प्रसिद्ध मैनेजमेंट संस्थानों मे भेजा और परिणाम आपके सामने है।दिल्ली के सरकारी स्कूलों का परिणाम अब प्राइवेट स्कूलों से बेहतर आ रहा है। उसने स्कूलों के ढाँचे व स्कूलों के पढाई के माहौल को बदला है।

(2) आपको पता होगा की गरीबों के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख तक का लोन सरकार उन्हें दे रही है व् लोन की गारन्टी बैंक में सरकार स्वयं दे रही है। लोन की वापसी भी नौकरी लगने के एक साल बाद आसान किस्तों मे देनी होगी।

(3)पूरी दुनिया में दिल्ली ऐसा राज्य है जहाँ खुशियों की कक्षा (Happiness classes) लगती है ताकि बच्चों मे पढाई को लेकर तनाव न हो।बच्चे गुस्सा,नफरत व तनाव से बचे।

(4) अभी कुछ स्कूलों में entrepreneurship couse(व्यवसाय कैसे करे) की शुरुआत की है ताकि बच्चे पढाई के बाद अपना व्यवसाय स्वयं करे व सरकारी या प्राइवेट नौकरी पर निर्भर न रहे।

(5) प्राइवेट स्कूलों की फीस बढ़ोतरी पर रोक व बढ़ी हुई फीस की वापसी । ये काम कोई ईमानदार सरकार ही कर सकती है। जब दिल्ली मे शीला दीक्षित की सरकार थी तो 70 MLA (बीजेपी व कांग्रेस को मिलाकर) मे से अधिकांश के अपने प्राइवेट स्कूल थे व हर साल प्राइवेट स्कूल की फीस बढ़ती थी। अब यदि कोई स्कूल फीस बढ़ाना चाहता है तो सरकार चार्टेड अकाउंटेंट से उनके खाते जांच की बात करती है। अधिकतर स्कूल खाते जांचने के नाम से फीस बढ़ाने का फैसला वापिस ले लेते है। यदि किसी स्कूल के खाते ठीक है तो ट्यूशन फीस का केवल 10% फीस ही वे बढ़ा सकते है।

(6) सरकारी स्कूलों में ब्रिटिश कॉउंसिल की सहायता से English Speaking Course की शुरुआत की गयी है।

(7)सिंगापुर सरकार की सहायता से वर्ल्ड क्लास स्किल सेंटर की शुरुआत की गयी जिसमे कई प्रोफेशनल कोर्स करवाये जाते है व इनका 100% प्लेसमेंट है।

(8) पहले एक मजदूर ,रिक्शे वाला या निम्न आय वाला व्यक्ति भी यह सोचता था की बेशक वह कम खा लेगा या अपनी इच्छा मार लेगा परन्तु अपने बच्चे को प्राइवेट स्कूल भेजकर उसका जीवन सुधरेगा लेकिन अब दिल्ली के स्कूलों की हालात सुधरने से पैसे वाले लोग भी अब अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलो से हटाकर उन्हें सरकारी स्कूलों मे एडमिशन करवा रहे है।

अभी पिछले वर्ष सेक्टर 22 रोहिणी मे एक नया सरकारी स्कूल खुला तो उसमे 80% से अधिक बच्चे प्राइवेट स्कूलो को छोड़कर आये थे।
इसी प्रकार स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस नाम से दिल्ली सरकार ने दिल्ली मे 5 नए स्कूल खोले तो इसमें भी लोग सुबह 5 बजे से लाइनो मे लगे है ताकि उनके बच्चों का इसमें एडमिशन हो जाये।

(9) इसी प्रकार आंगनवाड़ियो मे भी 3 या 4 आंगनवाड़ियो को मिलाकर एक आगनवाड़ी का रूप दिया जा रहा है व दिल्ली सरकार इन्हें PRIVATE PLAY SCHOOL के जैसे माहोल व सुविधा दे रही है जिससे बच्चों का आधार मजबूत बने। अभी ये योजना शुरूआती स्थिति मे है व 135 के लगभग आंगनवाड़ियो पर लागू हुई है।

(10) जिन छात्रो को हिंदी या बेसिक गणित नही आती उनके लिए दिल्लो सरकार ने MISSION BUNIYAAD की शुरुआत की और यह योजना 2 माह की छुटियों मे स्कूलो मे दिल्ली सरकार द्वारा चलायी जाती है। जिसके बहुत अच्छे परिणाम आ रहे है।

(11) दिल्ली के सरकारी स्कूलों में SMC (स्कूल मैनेजमेंट कमेटी) बनाई गयी है व वह प्रधानाचार्य के साथ मिलकर स्कूल के विकास के लिए कार्य करती है।

आज सरकारी स्कूलों में प्राइवेट स्कूल की तरह मेगा PTM का आयोजन होता है जिससे माता पिता को अपने बच्चे के शैक्षणिक स्तर पता चल सके।

इन सबका परिणाम यह निकला की आज पूरे भारत के सरकारी व केंद्रीय विद्यालयो के टॉप 10 स्कूलों मे से दिल्ली के 3 स्कूल आये है और इसमें रिजल्ट,अनुशासन,सफाई आदि विभिन्न मुद्दों को देखा गया है।
आज विश्व के कई देश भारत आकर दिल्ली के स्कूलों के बदलाव को देख रहे है व सीख भी रहे है।
आज विश्व के कई मंचो पर दिल्ली के शिक्षा मंत्री को बुलाया जा रहा है व वे अपने अनुभव साँझा कर कहते है कि आप और मैं दोनों का यही उद्देश्य है की हम अपने बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा दे ताकि वे जीवन मे सफल हो।आपका और मेरा सपना एक ही है और इस काम मे दिल्ली सरकार हमारी मदद कर रही है।

सूरज उपाध्याय ने अंत में कहा हम आनेवाले नगरीय निकाय व अन्य चुनावों में जनता के बीच सही मायने में विकास के केजरीवाल सरकार के मॉडल के साथ जन जन तक जायेगे और बदलाव के लिये प्रेरित कर एक मौका आम आदमी पार्टी को देने का आग्रह करेंगे।

 

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